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Hindi News भारत राष्ट्रीय अमृतसर के पास किसानों ने रेल पटरियों से 169 दिन बाद खत्म किया धरना

अमृतसर के पास किसानों ने रेल पटरियों से 169 दिन बाद खत्म किया धरना

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों के एक समूह ने 169 दिनों के बाद गुरुवार को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।

Farmers withdraw dharna, Farmers withdraw Protest, Farmers Protest, Farmers dharna- India TV Hindi Image Source : PTI FILE केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ रेल पटरियों पर धरना दे रहे किसानों के एक समूह ने 169 दिनों के बाद गुरुवार को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।

अमृतसर: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ रेल पटरियों पर धरना दे रहे किसानों के एक समूह ने 169 दिनों के बाद गुरुवार को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसानों ने अपना आंदोलन इसलिए समाप्त किया क्योंकि रेलगाड़ियों का परिचालन स्थगित होने से उन्हें और व्यापारियों को नुकसान हो रहा था। धरना खत्म करने का यह फैसला तब लिया गया है जब कुछ किसान संगठनों ने एक दिन पहले ही 26 मार्च को भारत बंद करने का आह्वान किया है। अधिकारियों ने कहा कि किसानों के यहां आंदोलन समाप्त करने के साथ ही रेलगाड़ियों की सामान्य आवाजाही कुछ दिनों में शुरू कर दी जाएगी।

‘किसान मजदूर संघर्ष समिति’ के नेता सविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने सभी प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद अमृतसर-दिल्ली मार्ग पर देवीदासपुरा में रेल जाम खत्म करने का निर्णय किया। जंडियाला स्टेशन के पास देवीदासपुरा, अमृतसर रेलवे स्टेशन से करीब 25 किलोमीटर दूर है। सविंदर सिंह ने कहा, ‘किसान केवल यात्री गाड़ियों को रोक रहे थे, लेकिन केंद्र ने मालगाड़ियों को भी रोकने का फैसला किया जिससे किसानों, व्यवसायियों और उद्योगपतियों को काफी नुकसान हुआ। वर्तमान परिस्थितियों में किसानों ने सर्वसम्मति से यहां आंदोलन समाप्त करने का फैसला किया।’ 

इस बीच कुछ किसान संघों ने केन्द्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का आह्वान किया है। किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने बुधवार को सिंघू बॉर्डर पर कहा कि किसान और ट्रेड यूनियन मिलकर 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि और रेलवे के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘डीजल, पेट्रोल और एलपीजी की बढ़ती कीमतों के खिलाफ जिलाधिकारियों को ज्ञापन दिए जाएंगे। निजीकरण के खिलाफ समूचे देश में रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। हम 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर पूर्ण रूप से भारत बंद करेंगे। शांतिपूर्ण बंद सुबह से शाम तक प्रभावी रहेगा।’

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