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Hindi News भारत राष्ट्रीय केरल में सामने आए कोरोना वायरस के 13,000 से अधिक मामले, एक्टिव केस एक लाख के पार

केरल में सामने आए कोरोना वायरस के 13,000 से अधिक मामले, एक्टिव केस एक लाख के पार

केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 13,644 नए मामले सामने आए हैं, इससे एक्टिव केस एक लाख के पार पहुंच गए हैं। संक्रमण से 21 मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर पांच हजार के करीब पहुंच गई है। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। 

Kerala govt imposes night curfew as state reports over 13000 new covid cases- India TV Hindi Image Source : PTI केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 13,644 नए मामले सामने आए।

तिरुवनंतपुरम: केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 13,644 नए मामले सामने आए हैं, इससे एक्टिव केस एक लाख के पार पहुंच गए हैं। संक्रमण से 21 मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर पांच हजार के करीब पहुंच गई है। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। राज्य में 4,305 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं, जिससे संक्रमण मुक्त होने वालों की संख्या 11,44,791 हो गई है। कोझिकोड जिले में सर्वाधिक 2,022 मामले सामने आए, इसके बाद एर्नाकुलम,मलप्पुरम,त्रिसूर और कन्नूर में एक हजार से अधिक मामले सामने आए।

इस बीच केरल सरकार ने राज्य में कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के मद्देनजर 20 अप्रैल से रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने का सोमवार को फैसला किया। इस संबंध में निर्णय राज्य के मुख्य सचिव डॉ. वी पी जॉय की अध्यक्षता में आज शाम हुई उच्चस्तरीय बैठक में किया गया। सरकार ने राज्य में आने वाले सभी घरेलू यात्रियों को आरटी-पीसीआर जांच कराने का भी निर्देश दिया है। 

वहीं, कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर चिंताओं के बावजूद केरल सरकार ने राज्य में जारी सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएसएलसी) और 12वीं की परीक्षाओं को सख्त स्वास्थ्य प्रोटोकॉल और गहन एहतियाती उपायों के पालन के साथ जारी रखने का फैसला किया। सामान्य शिक्षा विभाग ने यहां कहा कि परीक्षाएं मूल कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएंगी और छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त एहतियाती कदम उठाए गए हैं। 

डायरेक्टर ऑफ जनरल एजुकेशन (डीपीआई) ने यहां एक बयान में कहा कि परीक्षा देते समय छात्र एक-दूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करें, इसके लिये पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं। उसने कहा कि शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों और छात्रों को तीन स्तर के मास्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है। उसने कहा कि मुख्य परीक्षा अधीक्षकों को निर्देशित किया गया था कि वे शरीर के तापमान की जांच करने के बाद ही स्कूल परिसर में छात्रों का प्रवेश सुनिश्चित करें। 

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