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Hindi News भारत राष्ट्रीय चौधरी चरण सिंह: कृषि परिवार में जन्मा एक नेता यूं ही नहीं बन गया 'किसानों का चैंपियन'

चौधरी चरण सिंह: कृषि परिवार में जन्मा एक नेता यूं ही नहीं बन गया 'किसानों का चैंपियन'

चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति और किसानों के जीवन में अपने नाम की ऐसी छाप छोड़कर गए हैं कि शायद ही कोई और जननेता इसकी बराबरी पर कहीं खड़ा हो भी सके।

चौधरी चरण सिंह को किसानों का मसीहा भी कहा जाता था- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO चौधरी चरण सिंह को किसानों का मसीहा भी कहा जाता था

Chaudhary Charan Singh Death Anniversary: चौधरी चरण सिंह एक ऐसा नाम है जो भारतीय राजनीति और इसके लोकतंत्र के लिए किसी हीरो से कम नहीं। ये वो नाम है जो ना जाने कितने ही बड़े संवैधानिक पदों पर रहकर ये दिखा गया कि कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति के जीवन में कैसै बदलाव लाया जा सकता है। चौधरी चरण सिंह ने देश की कृषि नीतियों को आकार देने में बेहद अहम भूमिका निभाई। चौधरी चरण सिंह ने अपना पूरा जीवन किसानों के हित और उनके कल्याण में समर्पित कर दिया, और यही वजह है कि उन्हें "किसानों का चैंपियन" कहा जाता है। आज 29 मई है और चौधरी चरण सिंह पुण्यतिथि के मौके पर उनसे जुड़ी कुछ  खास बातें आपको बताएंगे-

  1. चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, देश के गृह मंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री, उप प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा कर चुके हैं।
  2. लोग उन्हें बड़े चौधरी के नास से भी बुलाते थे। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में हुआ था। उनकी जयंती 23 दिसंबर को ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह का 23 मई 1987 को निधन हो गया था। 
  3. चौधरी चरण सिंह जमींदारी और महाजनी व्यवस्था का खात्मा चाहते थे। वे किसानों की सत्ता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने किसान की कर्ज मुक्ति की बात की। उन्होंने जमींदारी खत्म करके किसानों को राहत प्रदान की।चौधरी चरण सिंह एक बड़े लेखक थे और उन्होंने कई किताबें लिखीं। 
  4. चौधरी एक कृषि परिवार से ही थे और यही वजह है कि वह किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को अच्छी तरह समझते थे। 
  5. आजादी का जब संघर्ष चल रहा था, तब 1930 के दशक में चौधरी ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए। इसी दौरान वह महात्मा गांधी के अनुयायी बन गए।
  6. चौधरी चरण सिंह को किसानों का चैंपियन इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपना सारा जीवन किसानों की दुर्दशा को कम करने में खपा दिया।
  7. साल 1950 में चौधरी साहब ने जमींदारी उन्मूलन अधिनियम की शुरुआत की थी। इसके तहत पूरे भारत में जारी सामंती व्यवस्था को खत्म किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि किसान अपनी खेती की भूमि पर स्वामित्व अधिकार प्राप्त करें। ये उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक थी।
  8. उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान ऋण सुविधाओं में सुधार, कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने और कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नीतियां पेश की थीं। 
  9. चौधरी चरण सिंह ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री रहते हुए ग्रामीण विकास के महत्व पर जोर दिया और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने के लिए हर संभव प्रयास किए।
  10. बड़े चौधरी ने किसानों के प्रति समर्पण और एक कृषि समाज के लिए अपनी दृष्टि से भारतीय राजनीति पर एक अमिट छाप छोड़ दी।

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