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Hindi News भारत राष्ट्रीय आप भी IPL में Dream11 पर लगाते हैं पैसा? दारुल उलूम ने किया फतवा जारी

आप भी IPL में Dream11 पर लगाते हैं पैसा? दारुल उलूम ने किया फतवा जारी

IPL में Dream11 जैसे ऐप पर पैसा लगाने को लेकर दारुल उलूम की तरफ से कहा गया है कि ड्रीम इलैवन खेलना और इसमें पैसे लगाना हराम है।

IPL में Dream11 जैसे ऐप पर जारी हुआ फतवा- India TV Hindi Image Source : INDIA TV IPL में Dream11 जैसे ऐप पर जारी हुआ फतवा

IPL यानी इंडियन प्रीमियर लीग सीजन हमारे देश में क्रिकेट प्रेमियों के लिए फेस्टिव सीजन की तरह होता है। IPL अभी जारी है, जाहिर है  Dream11, जैसे तमाम ऐप हैं जिनपर यूजर्स पैसा लगाकर टीम बनाते हैं। इसी के खिलाफ अब देवबंद दारुल उलूम ने फतवा जारी किया है। IPL में Dream11 जैसे ऐप पर पैसा लगाने को लेकर दारुल उलूम की तरफ से कहा गया है कि ड्रीम इलैवन खेलना और इसमें पैसे लगाना हराम है। ये एक जुआ है। दरअसल, दारुल उलूम से पूछा गया था कि आजकल आइपीएल (IPL) चल रहा है और ड्रीम इलेवन (Dream11) भी जोर शोर से चल रहा है, इसमें खिलाड़ी खरीदा जाते हैं, तो क्या ड्रीम इलेवन में पैसा लगाया जा सकता है? इसके जवाब में दारुल उलूम ने इसे हराम करार दिया है।

क्या है Dream11?
IPL के दौरान कई सारे ऑनलाइन ऐप लोगों को मैच के दौरान यूजर्स से कुछ पैसे लेकर अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की एक वर्चुअल टीम बनाने की सुविधा देते हैं। मैच के बाद उस टीम या खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर यूजर्स को रिवॉर्ड प्वाइंट देते हैं। इन ऐप पर हजारों-लाखों यूजर्स में से जिन यूजर्स की वर्चुअल टीम सबसे बेहतर प्रदर्शन करती और उसको सबसे ज्यादा प्लाइंट मिलते हैं। इन्हीं रिवॉर्ड प्वाइंट्स को बाद में कैश में बदल लिया जाता है। Dream 11 भी इसी तरह का एक ऐप है, जिसको लेकर फतवा जारी हुआ है। 

क्या होता है फतवा?
मुस्लिम धर्मगुरूओं के अनुसार फतवा इस्लाम से जुड़े किसी मसले पर कुरान और हदीस के हिसाब में जो हुक्म जारी किया जाता है उसे फतवा कहते हैं। खास बात ये है कि फतवे को हर मौलवी या इमाम जारी नहीं कर सकता। किसी भी तरह के फतवा को हमेशा कोई मुफ्ती ही जारी करता है। बता दें कि इस्लाम धर्म में मुफ्ती बनने के लिए शरिया कानून, कुरान और हदीस का गहन अध्ययन जरूरी होता है। हालांकि एक बात ये भी है कि किसी भी मसले पर भारत में फतवा जारी करने के कोई मायने नहीं होते। फतवा केवल शरिया कानून से चलने वाले देशों में ही मायने ही रखता है। भारत में कोई भी नियम या कानून भारतीय संविधान या प्रशासनिक दिशा-निर्देश के हिसाब से तय होते हैं।

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