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Hindi News भारत राजनीति महबूबा मुफ्ती ने कहा- दक्षिणपंथियों का हथियार बन गया है कश्मीरी पंडितों का दर्द, मिला करारा जवाब

महबूबा मुफ्ती ने कहा- दक्षिणपंथियों का हथियार बन गया है कश्मीरी पंडितों का दर्द, मिला करारा जवाब

महबूबा ने आरोप लगाया है कि कश्मीरी पंडितों के दर्द को दक्षिणपंथी संगठन एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

Kashmiri Pandits pain is now a weapon in hands of rightwing extremists, says Mehbooba Mufti- India TV Hindi Mehbooba Mufti | PTI File

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के मुद्दा उठाते हुए दक्षिणपंथी संगठनों पर हमला बोला है। महबूबा ने आरोप लगाया है कि कश्मीरी पंडितों के दर्द को दक्षिणपंथी संगठन एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको बता दें कि राज्य में आर्टिकल-370 के ज्यादातर प्रावधान हटाए जाने के बाद से मुफ्ती नजरबंद हैं और उनका ट्विटर अकाउंट बेटी इल्तिजा संचालित करती हैं। इस ट्वीट के सामने आते ही महबूबा मुफ्ती ट्विटर यूजर्स के निशाने पर आ गईं और उन्होंने पीडीपी की नेता को आड़े हाथों लिया।

महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा था?
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए स्थानीय मुसलमानों को गलत ढंग से जिम्मेदार ठहराया जाता है। उनके हैंडल से किए ट्वीट में लिखा है, 'कश्मीरी मुसलमानों को 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए आरोप लगाते हुए गलत ढंग से जिम्मेदार ठहराया जाता है। उनका दर्द दक्षिणपंथी संगठनों के हाथों का एक हथियार बन चुका है। गांधी की परिकल्पना वाला धर्मनिरपेक्ष भारत एक निरंकुश शासन में बंधक बन चुका है।'


लोगों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
महबूबा के ट्वीट पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा किया जब कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से खदेड़ा जा रहा था तो क्या तथाकथित शुभचिंतक बेहोश थे? उसने लिखा कि कुटिलता बहुत समय तक साथ नहीं देती, बल्कि व्यक्ति के कर्मों का बराबर हिसाब होता है। वहीं, एक अन्य शख्स ने लिखा कि यदि उस समय आपने कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज उठाई होती तो शायद आज आपको भी यह दिन नहीं देखना पड़ता।

1989 के बाद से शरणार्थी हैं कश्मीरी पंडित
कश्मीरी पंडित 80 के दशक के अखिरी सालों से अपने ही देश में शरणार्थी का जीवन बिताने को मजबूर हैं। 1990 के दशक में आतंकी हमलों के कारण घाटी में तनाव अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया था। उस समय आतंकवादी हमलों में निशाना बनाए जाने के बाद घाटी से कश्मीरी पंडितों का बड़ी तादाद में पलायन हुआ। हालांकि अभी भी उनके अंदर अपने घर वापस लौटने की लालसा बरकरार है। जम्मू में हजारों कश्मीरी पंडित शरणार्थी हैं, जो राज्य सरकार द्वारा उन्हें प्रदान किए गए नए दो कमरों के घर में रह रहे हैं।

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