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Hindi News भारत राजनीति Video: चुनाव में जीत के लिए फकीर से खाई चप्पलें, फिर भी बुरी तरह हार गया ये कांग्रेस प्रत्याशी

Video: चुनाव में जीत के लिए फकीर से खाई चप्पलें, फिर भी बुरी तरह हार गया ये कांग्रेस प्रत्याशी

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने रतलाम शहर सीट से पारस सकलेचा को टिकट दिया था। सोशल मीडिया पर उनका चप्पलों से मार खाते वीडियो वायरल है। कहा जा रहा है कि चप्पल से मारने वाले फकीर के पास जीत का आशीर्वाद लेने गए थे।

फकीर से चप्पलें खाते पारस सकलेचा।- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA फकीर से चप्पलें खाते पारस सकलेचा।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम बीते 3 दिसंबर को जारी हो चुके हैं। भाजपा ने यहां प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखी है। दूसरी ओर कांग्रेस को इस चुनाव परिणाम ने बड़ा झटका दिया है। दोनों ही पार्टियों ने इस चुनाव के प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पार्टी के नेताओं ने प्रचार के दौरान धर्म से लेकर अंधविश्वास तक का सहारा लिया। ऐसा ही एक मामला रतलाम से आया है जहां चुनाव में जीत पाने के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी ने चप्पल खाना तक स्वीकार लिया था। कांग्रेस प्रत्याशी के इस अंधविश्वास का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने रतलाम शहर सीट से पारस सकलेचा को टिकट दिया था। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह एक रास्ते पर बैठे बूढ़े व्यक्ति से चप्पलों से मार खाते दिखाई दे रहे हैं। अब मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पारस सकलेचा चुनाव में जीत के लिए चप्पल मारने वाले फकीर के पास गए थे। वीडियो में देखा जा सकता है कि फकीर सकलेचा की गाल से लेकर पीठ तक चप्पलों की बारिश कर रहा है।यहां देखें वीडियो

नहीं जीत सके चुनाव

फकीर से चप्पलों से मार खाने के बावजूद भी कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा बुरी तरह से चुनाव हार गए हैं। रतलाम शहरी सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के चेतन कश्यप ‘भैयाजी’ ने हरा दिया। चुनाव में  चेतन कश्यप को 1,09,656 लाख वोट मिले जबकि पारस सकलेचा को 48,948 वोट मिले। दोनों के बीच जीत हार का अंतर 60,708 वोट का रहा है। 

भाजपा की बंपर जीत

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला है। 230 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 163 सीटों पर जीत दर्ज की है। तो वहीं, कांग्रेस सिर्फ 66 सीटों पर सिमट गई है। भाजपा ने एक बार फिर से 5 सालों के लिए फिर से अपना किला मजबूत कर लिया है। 

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