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जानिए क्या है जानलेवा स्मॉग, कैसे करें इससे बचाव

स्मॉग के कारण आंखो में जलन और सांस लेने में भी प्रॉब्लम हो रही है। स्मॉग शब्द स्मोक और फॉग से मिल कर बना है। जो कि जहरीली गैसों से मिलकर बना है। जानिए क्या है ये, कैसे करें बचाव साथ ही जानें किन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना।

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हेल्थ डेस्क: दिल्ली में एक बार फिर जानलेवा स्मॉग लौट आया है। इंडिया गेट समेत कई इलाक़ों में विज़िबिलटी 200 मीटर से भी कम हो गई है और चिंता की बात ये है कई जगह प्रदूषण स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।  जिसके कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना हर पीढ़ी के लोगों को करना पड़ रहा है। यहां तक कि इस स्मॉग के कारण आंखो में जलन और सांस लेने में भी प्रॉब्लम हो रही है। स्मॉग शब्द स्मोक और फॉग से मिल कर बना है। जो कि जहरीली गैसों से मिलकर बना है। जानिए क्या है ये, कैसे करें बचाव साथ ही जानें किन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना।

स्मॉग है क्या?
गाड़ियों और फैक्ट्रियों से निकलने वाली खतरनाक गैस, धुएं और कोहरे के मेल से स्मॉग बनता है। स्मॉग का असर हवा में कई दिनों तक हो सकता है। तेज हवा चलने या बारिश के बाद ही स्मॉग का असर खत्म होता है। स्मॉग वो ज़हर है जो किसी को भी बहुत बीमार बना सकता है। स्मॉग गाड़ियों और फैक्टरियों से निकले धुएं में मौजूद राख, सल्फर, नाइट्रोजन, कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य खतरनाक गैसें जब कोहरे के संपर्क में आती हैं तो स्मॉग बनता है। जो कि ककई दिनों तक रहता है। यह गर्मियों में गर्मी की वजह से उठ जाता है।

जानलेवा है स्मॉग

  • स्मॉग से फेफड़े और सांस से जुड़ी गंभीर बीमारी का खतरा।
  • खांसी, जुकाम और सीने में दर्द की समस्या हो सकती है।
  • दिल्ली में 10 में 4 बच्चे फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की चपेट में।
  • 2 साल के बड़े बच्चों में अस्थमा की बीमारी बढ़ी।
  • 15 साल से छोटे बच्चे ब्रोनकाइटिस बीमारी की चपेट में।
  • स्किन संबंधी समस्या
  • बाल झड़ना ब्लड प्रेशर के मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक आने का खतरा
  • अस्थमा के रोगियों को अटैक पड़ने का खतरा

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