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चांद के बिना अधूरे हैं ये त्योहार, वहीं इस दिन चांद को देखना है गुनाह

एक दिन चांद को देखे बिना पानी तक नहीं पी सकते और दूसरे दिन चांद को देखना तक मना है।

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आज देश ही नहीं पूरी दुनिया में चंद्रयान 2 chandrayaan 2 के चांद पर उतरने का इंतजार हो रहा है। पूरा देश चंद्रयान chandrayaan की सफलता को लेकर बेहद उत्साहित है। चंद्रयान औऱ चांद moon का आपस में जितना संबंध है, उतना ही गहरा संबंध चांद औऱ भारतीय परंपराओं का है। चांद के बिना भारत में प्रेम की परिकल्पना नहीं की जा सकती। हर उत्सव में चांद का अपना महत्व है। 

कुछ त्योहार तो बने ही चांद के ऊपर है, इन त्योहारों का अस्तित्व चांद के बिना पूरा नहीं हो सकता। वहीं एक त्योहार ऐसा है जहां चांद खलनायक की भूमिका में है, इस दिन चांद दिख गया तो समझिए खैर नहीं।

चलिए पहले बात करते हैं उन त्योहारों की जो चांद के दिखने पर ही पूरे माने जाते हैं।

करवा चौथ Karva chauth

प्यार और दांपत्य जीवन के इस उत्सव में चांद का दिखना बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन विवाहिताएं पूरा दिन व्रत रखने के बाद चांद को देखकर ही अन्न जल ग्रहण करती हैं। शाम ढलते ही छतों, गलियों औऱ पार्कों में चांद का इंतजार होने लगता है। सजी धजी सुहागिनें चांद का इंतजार करती है। जैसे ही चांद निकलता है, उसे देखकर अर्ध्य दिया जाता है औऱ पति के हाथों से पानी पिया जाता है। इस दिन चांद बहुत इंतजार करता है।

ईद Eid
दुनिया में सबसे बड़े तौर पर मनाया जाने वाला त्योहार ईद चांद के बिना कैसे पूरा होगा। दरअसल ईद की तिथि भी चांद दिखाई देने पर ही निर्भर करती है। साल में पड़ने वाली दोनों ईद तभी पूरी मानी जाती हैं जब चांद दिख जाए। चांद दिखा औऱ ईद मनी। पूरा मुसलिम समुदाय रोजों के बाद बेसब्री से इस चांद का इंतजार करता है जिसकी दीद होते ही ईद मनती है। 

शरद पूर्णिमा Sharad Poornima
शरद के मौसम में आने वाला हिंदुओं का त्योहार शरद पूर्णिमा भी चांद के बिना अधूरा है। कहा जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी में रखी गई खीर अमृत समान हो जाती है क्योंकि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है। देश भर में कई जगहों पर शरद पूर्णिमा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। कुछ लोग रात को चांदनी में खड़े होकर देव स्तुति करते हैं ताकि उन्हें ईश्वरीय सौगात मिल सके।

गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi

एक त्योहार ऐसा भी हैं जिसमें चांद खलनायक है। जी हां, गणेश चतुर्थी के दिन चांद को देखना निषिद्ध है। कहा जाता है कि इस दिन जिसने गलती से भी चांद के दीदार कर लिए, उस पर झूठा आरोप लगना तय है। इसलिए इस दिन लोग आसमान की तरफ नहीं ताकते।  

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