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Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा भारत में है ऐसे मंदिर जहां प्रसाद में मदिरा पान करते हैं भगवान काल भैरव

भारत में है ऐसे मंदिर जहां प्रसाद में मदिरा पान करते हैं भगवान काल भैरव

नई दिल्ली: मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरवाष्टमी कहते हैं। क्योंकि इस दिन काल भैरव जन्म हुआ था।  हिंदू धर्म के अनुसार माना जाता है कि काल भैरव भगवान शिव

लेकिन उज्जैन स्थित काल भैरव मंदिर में जैसे ही शराब से भरे प्याले काल भैरव की मूर्ति के मुंह से लगाते है तो देखते ही देखते वो शराब के प्याले खाली हो जाते है।

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव के भौहें के बीच से एक ज्योति से काल भैरव को प्रकट किया। वह सामने आकर भगवान शिव के आगे हाथ जोड़कर बोले कि हे प्रभु मेरे लिए क्या आदेश है। भगवान शिव ने क्रोधित होकर कहा कि भैरव तुम अपनी पैनी तलवार से ब्रह्मा का पांचवा सिक काट दो। काल भैरव ने ब्रह्मा का सिर पकड़कर उसे धड़ से अलग कर दिया। क्योंकि ब्रह्मा ने इसी मुख से झूठ बोला था।

इससे लगे ब्रह्म हत्या के पाप को दूर करने के लिए वह अनेक स्थानों पर गए, लेकिन उन्हें मुक्ति नहीं मिली। तब भैरव ने भगवान शिव की आराधना की। शिव ने भैरव को बताया कि उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर ओखर श्मशान के पास तपस्या करने से उन्हें इस पाप से मुक्ति मिलेगी। तभी से यहां काल भैरव की पूजा हो रही है। कालांतर में यहां एक बड़ा मंदिर बन गया। मंदिर का जीर्णोद्धार परमार वंश के राजाओं ने करवाया था।

खबीस बाबा मंदिर, उत्तरप्रदेश
यह मंदिर उत्तरप्रदेश राज्य के सीतापुर शहर में है। इस मंदिर की भी अपनी खासियत है। यहां मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है। यहां स्थित खबीस बाबा को भगवान का ही अवतार माना जाता है। और इनकों भी शराब का भोग लगाया जता है। और प्रसाद के रूप में शराब ही दी जाती है। यहां पर भक्त बड़ी संख्या में आते है।

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