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Hindi News महाराष्ट्र "मुझे किसी के न्योते की जरूरत नहीं, दर्शन के लिए मैं जाऊंगा", राम मंदिर को लेकर बोले उद्धव ठाकरे

"मुझे किसी के न्योते की जरूरत नहीं, दर्शन के लिए मैं जाऊंगा", राम मंदिर को लेकर बोले उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने आज एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे किसी के न्योते की जरूरत नहीं, राम मंदिर दर्शन के लिए मैं जाऊंगा।

Uddhav Thackeray - India TV Hindi Image Source : PTI महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे

आज उद्धव ठाकरे ने बयान दिया कि मुझे किसी के न्योते की जरूरत नहीं, राम मंदिर के दर्शन के लिए मैं जाऊंगा। बता दें कि 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन समारोह है। इस समारोह में पीएम मोदी समेत कई बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। वहीं, भारी भीड़ की आशंका को देखते हुए कुछ बड़े नेताओं को इस समारोह का निमंत्रण नहीं दिया गया है, इस लिस्ट में उद्धव ठाकरे का भी नाम शामिल है। इसी को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गर्म हो रही है।

"राम मंदिर के दर्शन के लिए मैं जाऊंगा"

इसी को लेकर आज उद्धव ठाकरे ने कहा,"22 जनवरी के दिन राम मंदिर का लोकार्पण हो रहा है, क्या आप लोग राम भक्त नहीं है,क्या? राम मंदिर का होने दो लोकार्पण, राम मंदिर किसी पार्टी की निजी जागीर नहीं है, राम मंदिर हम सबका है। इस विषय पर मुझे यहां बात कर किसी प्रकार की राजनीति नहीं करनी है कहने के लिए बहुत कुछ है। राम मंदिर के दर्शन के लिए मैं जाऊंगा और उसके लिए मुझे किसी के न्योते की जरूरत नहीं है।"

"जीतने के बाद उनको ही नहीं पता कि कैसे जीते?"

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ने चुनाव जीता है, लेकिन चुनाव के वक्त सभी को ऐसा लग रहा था कि बीजेपी हार जाएगी लेकिन जीत गये। जीतने के बाद उनको ही नहीं पता कि कैसे जीते? कुछ लोग तो ये भी कह रहे है कि ईवीएम के कारण जीती है। बाद में विश्लेषण में पता चला कि लाडली बहना योजना के कारण जीते।

ठाकरे ने फिर आगे कहा कि वहां की सरकार महिलाओं के लिए जो योजना लाई, पर यहां पर तो बैठी ये मेरी लाडली बहनें है। हैं कि नहीं? ये राम भक्त है, कि नहीं? ये हिंदू है, कि नहीं? हिंदू होंगे... मुस्लिम होंगे और कुछ होंगे। आज महाराष्ट्र भर में कोने-कोने में कौन जाता है। कोरोना में घर-घर जाकर आपने (कार्यकर्ताओं) काम किया,और आप घर-घर जाकर सेवा कर रहे थे।

 "मेरा भविष्य मैं तय करूंगा, मेरी सरकार मैं चुनूंगा।"

मुझे नए साल की शुभकामनाएं बल्कि नए साल का निर्धारण चाहिए। "मेरा भविष्य मैं तय करूंगा, मेरी सरकार मैं चुनूंगा।" अभी हर जगह सेल्फी पॉइंट बनाया है, फोटो के साथ फोटो निकाला जा रहा, लेकिन घर में क्या मिला? राम लला के दर्शन करने मैं भी जरूर जाऊंगा। मुझे किसी के भी न्योते की जरूरत नहीं है, जैसे मैं पहले गया था,उसी तरह से मैं राम लला के दर्शन करने जाऊंगा। लेकिन सवाल है कि राम लला के दर्शन कर लौटने के बाद मैं मेरे बच्चों को क्या रोजी-रोटी दूंगा?

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