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Hindi News पंजाब बठिंडा आर्मी बेस फायरिंग: गनर देसाई मोहन ने क्यों अपने ही 4 साथियों को गोलियों से भूना? सामने आई चौंकाने वाली वजह

बठिंडा आर्मी बेस फायरिंग: गनर देसाई मोहन ने क्यों अपने ही 4 साथियों को गोलियों से भूना? सामने आई चौंकाने वाली वजह

12 अप्रैल को बठिंडा में एक सैन्य स्टेशन के अंदरर चार जवानों की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया गया है।

बठिंडा आर्मी बेस गोलीकांड में गनर ने उगले राज- India TV Hindi Image Source : TWITTER बठिंडा आर्मी बेस गोलीकांड में गनर ने उगले राज

बठिंडा आर्मी बेस पर हुई चार सैनिकों की हत्या मामले में सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने गिरफ्तार जवान की पहचान देसाई मोहन के रूप में की है। उन्होंने कहा, ‘‘घटना के पीछे का उद्देश्य निजी था। उसकी उन जवानों से दुश्मनी थी।’’ बठिंडा आर्मी स्टेशन देश के सबसे बड़े सैन्य अड्डों में से एक है और इसमें सेना की कई ऑपरेशनल इकाइयां स्थित है। लेकिन अब पुलिस ने इस गोलीकांड का मामला सुलझा लिया है। 

पहले देसाई ने पुलिस को किया गुमराह 
बता दें कि 12 अप्रैल को बठिंडा में एक सैन्य स्टेशन के अंदर चार जवानों की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस संबंध में बठिंडा छावनी पुलिस थाने में दो अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और शस्त्र कानून की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। देसाई मोहन ने ही पहले बयान दिया था कि उसने गोलीबारी के बाद सफेद कुर्ता पजामा पहने, चेहरे और सिर को कपड़े से ढके हुए दो अज्ञात लोगों को बैरक से बाहर निकलते देखा था। उसने पुलिस प्राथमिकी में कहा था कि उनमें से एक के पास इनसास राइफल थी और एक अन्य के पास कुल्हाड़ी थी। 

उत्पीड़न का बदला लेना चाहता था मोहन
पुलिस ने बताया कि गहन पूछताछ के बाद, आर्टिलरी यूनिट के गनर देसाई मोहन नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस के सामने इंसास राइफल चोरी करने और अपने चार सहयोगियों की हत्या करने में अपनी संलिप्तता कबूल की है। प्रारंभिक जांच से पता लगता है कि हत्या के पीछे व्यक्तिगत या द्वेष ही वजह थी। मोहन ने दावा किया कि उसने अपने व्यक्तिगत उत्पीड़न का बदला लेने के लिए चार सहयोगियों को मार डाला। हालांकि मोहन का कथित उत्पीड़न किस तरह का था, एसएसपी ने इसके बारे में जानकारी नहीं दी। 

कैसे दिया साथियों की हत्या को अंजाम
देसाई मोहन के कबूलनामे के अनुसार, 09 अप्रैल 2023 की सुबह उसने भरी हुई मैगजीन के साथ बंदूक चुराई और उसे छिपा दिया। 12 अप्रैल 2023 को सुबह लगभग 04:30 बजे, जब वह ड्यूटी पर था, छिपे हुए हथियार को निकाला और पहली मंजिल पर गया। यहां देसाई मोहन ने सोते हुए सभी चार साथी कर्मियों पर गोलियां बरसा दीं। इसके बाद उसने हथियार को सीवेज के गड्ढे में फेंक दिया। बाद में सीवेज पिट से हथियार और एक्सट्रा मैगजीन बरामद की गई। इस बात की पुष्टि की गई कि इस मामले में कोई आतंकवादी एंगल नहीं है।

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