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Hindi News धर्म त्योहार Dev Diwali 2022: देव दीपावली पर 10 लाख दीयों से रोशन होगी शिव नगरी, 80 लाख फूलों से सजावट, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

Dev Diwali 2022: देव दीपावली पर 10 लाख दीयों से रोशन होगी शिव नगरी, 80 लाख फूलों से सजावट, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

Dev Diwali 2022: आज देव दिवाली है, आज के दिन भगवान शिव की आराधना और पूजा की जाती है। काशी यानी कि बनारस में देव दिवाली बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

 देव दीपावली- India TV Hindi Image Source : PTI देव दीपावली

Dev Diwali 2022: आज कार्तिक की पूर्णिमा है और इस मौके पर आज हर साल की तरह देव दिवाली मनाई जाएगी। इस दिन को त्रिपुरोत्सव, त्रिपुरारी पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार जहां दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया था वहीं देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में लोग कन्फ्यूज हैं कि क्या देव दिवाली की डेट भी भैया दूज और गोवर्धन पूजा की तरह बदल जाएगी। अगर आप भी इसी सवाल का जवाब तलाश रहे हैं तो सही जवाब है कि आज 7 नवंबर को ही देव दिवाली सेलिब्रेट की जाएगी।

देव दिवाली शिवजी को समर्पित होती है और आज सोमवार है इसलिए देव दिवाली और भी ज्यादा खास हो गई है। आइए जानते हैं देव दिवाली का शुभ मुहूर्त और शुभ योग क्या है? लेकिन उससे पहले जानते हैं कि देव दिवाली आखिर क्यों मनाई जाती है।

Image Source : pti देव दीपावली

माना जाता है कि आज ही के दिन भगवान शिव ने देवताओं की प्रार्थना सुनकर त्रिपुरासुर का वध किया था, जिसकी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इसलिए इस उत्सव को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। देव दीपावली का ये त्योहार अधिकतर उत्तर प्रदेश में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। गंगा नदी और काशी के विभिन्न तटों पर आज के दिन मिट्टी के अनगिनत दीपों को जला कर पानी में प्रवाहित किया जाता है। कई नदियों के घाटों पर आज नौकाओं को सजाकर नदी में भी तैराते हैं।

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देव दिवाली पर कैसे करें पूजा?

 आज देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है और उनके स्वागत में धरती पर दीप जलाये जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार आज संध्या के समय शिव-मन्दिर में भी दीप जलाये जाते हैं। शिव मन्दिर के अलावा अन्य मंदिरों में, चौराहे पर और पीपल के पेड़ व तुलसी के पौधे के नीचे भी दीये जलाए जाते हैं। दीपक जलाने के साथ ही आज भगवान शिव के दर्शन करने और उनका अभिषेक करने की भी परंपरा है । ऐसा करने से व्यक्ति को ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है। साथ ही स्वास्थ्य अच्छा रहता है और आयु में बढ़ोतरी होती है।

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देव दिवाली का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 7 नवंबर को शाम 4 बजकर 15 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 8 नवंबर शाम 4 बजकर 31 मिनट पर

देव दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 14 मिनट से शाम 07 बजकर 49 मिनट तक

देव दिवाली पर दीपदान 

देव दिवाली को दीपदान की परंपरा है, ऐसा माना जाता है कि पवित्र नदी में स्नान करके दीपदान करने से सभी पापों से मनुष्यों को मुक्ति मिल जाती है। काशी में आज लाखों की संख्या में दीप दान किए जाएंगे, वहीं घाट पर 10 लाख दीये जलाए जाएंगे। 

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