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Hindi News खेल क्रिकेट गलतियां सुधारकर मजबूत वापसी का ही विकल्प बचा था : पृथ्वी शॉ

गलतियां सुधारकर मजबूत वापसी का ही विकल्प बचा था : पृथ्वी शॉ

भारत की अंडर-19 टीम के पूर्व कप्तान पृथ्वी एडीलेड टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अगले तीन टेस्ट के लिये बेंच पर बैठे रहे जिसके बाद इंग्लैंड सीरीज के लिये उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया।

Prithvi Shaw, Sports, cricket, india - India TV Hindi Image Source : TWITTER/@THATCRICKETHEAD Prithvi Shaw

मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ का कहना है कि भारतीय टीम से बाहर किये जाने के बाद उनके पास अपनी गलतियों को सुधारकर मजबूत वापसी के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था। भारत की अंडर-19 टीम के पूर्व कप्तान पृथ्वी एडीलेड टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अगले तीन टेस्ट के लिये बेंच पर बैठे रहे जिसके बाद इंग्लैंड सीरीज के लिये उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया। 

मुंबई ने विजय हजारे फाइनल में उत्तर प्रदेश को हराकर ट्रॉफी जीती और पृथ्वी ने टूर्नामेंट में 827 रन बनाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। मैच के बाद जब उनसे ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद मजबूत वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘यह थोड़ा मुश्किल था, लेकिन मेरे लिये केवल एक विकल्प बचा था कि वापस लौटकर कड़ी मेहनत करूं, ऑस्ट्रेलिया में जो छोटी छोटी गलतियां हुईं, उन्हें ठीक करके मजबूत वापसी करूं। ’’ 

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विजय हजारे ट्राफी के दौरान हालांकि उनकी बल्लेबाजी में कोई परेशानी नहीं दिखी और उन्होंने पुडुचेरी के खिलाफ रिकॉर्ड दोहरे शतक समेत चार सैकड़े जड़ डाले। 

यह पूछने पर कि क्या कप्तानी से उनकी बल्लेबाजी को मदद मिली? तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत ही छोटी उम्र से कप्तानी की जिम्मेदारी उठा रहा हूं, मैंने अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 में कप्तानी की है। मैंने भारत ए की भी कप्तानी संभाली है। मुझे टीम की कप्तानी करने में मजा आता है और मैं प्रत्येक गेंद पर ध्यान लगाता हूं, इसलिये मुझे कप्तानी करना पसंद है और इससे मेरी बल्लेबाजी पर भी असर पड़ा जिससे मैं बल्लेबाजी में और ज्यादा केंद्रित हो गया। ’’ 

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पृथ्वी ने अनुभवी आदित्य तारे की प्रशंसा की जिन्होंने नाबाद 118 रन की पारी खेली और मुंबई को 313 रन के लक्ष्य को आसानी से हासिल कराकर विजय हजारे ट्राफी दिलाने में मदद की। 

उन्होंने कहा, ‘‘उसने आज काफी अच्छी बल्लेबाजी की। मैच की परिस्थितियों को देखते हुए इसकी काफी जरूरत थी। वर्ना मैच किसी भी ओर जा सकता था। उसने शानदार बल्लेबाजी की और शतक जड़ा इसलिये हर कोई खुश था क्योंकि मैच को खत्म करना आसान नहीं है और वह शानदार खेला। ’’ 

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