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Hindi News खेल क्रिकेट सपनों को पूरा करने की कोशिश करते रहो, तो वो सच ज़रूर होते हैं: सचिन तेंदुलकर

सपनों को पूरा करने की कोशिश करते रहो, तो वो सच ज़रूर होते हैं: सचिन तेंदुलकर

नई दिल्ली: सचिन तेंदुलकर करीब 16 साल की उम्र में जब पहली बार टेस्ट मैच बल्ला लेकर उतरे थे, तो कौन जानता था कि यह खिलाड़ी एक दिन ‘क्रिकेट के भगवान’ के रूप में जाना

Sachin playing a shot

पहले मैच में नहीं चला था सचिन का जादू

ऐसा भी नहीं है कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन ने आते ही धूम मचा दी। उन्होंने देश के लिए पहला टेस्ट मैच इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी टीम के खिलाफ 15 नवंबर 1989 को खेला था और अपने जीवन की पहली टेस्ट पारी में सचिन ने सिर्फ 15 रन बनाए थे। कोई और खिलाड़ी होता, तो इमरान, अकरम और वकार जैसे खूंखार तेज़ गेंदबाजों से सजी टीम के सामने एक बार विफल रहने के बाद हथियार डाल देता, मगर सचिन किसी और ही मिट्टी के बने हैं। दूसरे ही टेस्ट में उन्होंने 59 रनों का शानदार पारी खेली। इस शानदार पारी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनके आगमन का शंखनाद कर दिया था।

खेले दुनिया में सबसे ज़्यादा मैच और बनाए सर्वाधिक रन

इसके बाद तो सचिन एक के बाद एक रिकार्ड बनाते ही चले गए। टेस्ट मैच में सबसे ज़्यादा रन, सबसे ज़्यादा शतक और सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने का रिकार्ड भी सचिन ने अपने नाम कर लिया। एक वक्त ऐसा भी आया जब यह बहस छिड़ गई कि कौन ज़्यादा महान क्रिकेट खिलाड़ी है – सचिन तेंदुलकर या डॉन ब्रैडमैन। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डॉन ब्रैडमैन ने जहां 6,996 रन बनाए थे, वहीं सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में ही 15,921 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं टेस्ट क्रिकेट में में उनके नाम 68 अर्धशतक और 51 शतक भी दर्ज हैं। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 200 मैच खेलने वाले फिलहाल वह एकमात्र खिलाड़ी है।

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