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मुक्केबाजी प्रतियोगिता के दौरान 60 साल से अधिक उम्र के अधिकारी के लिए हुई 'नो एंट्री'

मुक्केबाजी में अभ्यास और प्रतियोगिताओं की बहाली को लेकर 19 पन्ने की मानक संचालन प्रक्रिया में भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने स्वास्थ्य को लेकर वही दिशा निर्देश रखे हैं जिनका सुझाव भारतीय खेल प्राधिकरण ने दिया है।

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कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मुक्केबाजी प्रतियोगिता को लेकर कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इस दिशा निर्देश में जब भी देश में मुक्केबाजी के मुकाबले बहाल होंगे, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर वे दर्शकों के बिना होंगे और एयरकंडिशनिंग जगहों की बजाय अच्छे हवादार स्थानों पर होंगे। इसके साथ ही 60 साल से अधिक उम्र के अधिकारी प्रतियोगिता स्थल पर नहीं जा सकेंगे। 

मुक्केबाजी में अभ्यास और प्रतियोगिताओं की बहाली को लेकर 19 पन्ने की मानक संचालन प्रक्रिया में भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने स्वास्थ्य को लेकर वही दिशा निर्देश रखे हैं जिनका सुझाव भारतीय खेल प्राधिकरण ने दिया है। इसमें एक पन्ना उन प्रोटोकॉल का है जो राष्ट्रीय स्तर पर मुक्केबाजी स्पर्धायें बहाल होने पर अमल में लाया जायेगा। 

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इसमें कहा गया ,‘‘ प्रतिस्पर्धायें दर्शकों के बिना होंगी । सिर्फ सीमित संख्या में जरूरी लोगों को ही वहां प्रवेश दिया जायेगा। वालिंटियर की संख्या में कटौती होगी।’’ 

इसमें कहा गया ,‘‘ वातानुकूलित परिसरों से बचे क्योंकि इनसे संक्रमण फैल सकता है। खुले हवादार वेन्यू पर ही स्पर्धायें होंगी।’’ 

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फिलहाल मुक्केबाजी की कोई स्पर्धा नहीं होनी है लेकिन अक्टूबर नवंबर में बीएफआई राष्ट्रीय टूर्नामेंट कराना चाहता है जिसके बाद एशियाई चैम्पियनशिप होगी। 

एक अन्य दिशा निर्देश में कहा गया ,‘‘ 60 वर्ष से अधिक उम्र के अधिकारी प्रतियोगिता स्थल पर नहीं होंगे क्योंकि उनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है ।’’ प्रतियोगिताओं के दौरान मुक्केबाजों और अधिकारियों को अलग अलग कमरे दिये जायेंगे। इसके साथ ही डाइनिंग हॉल नहीं होगा बल्कि पैकेट में लंच और डिनर मिलेगा।