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Hindi News उत्तर प्रदेश 5 साल पहले जिसकी हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था, वह जिंदा लौट आया, असलियत खुली तो सबके उड़े होश

5 साल पहले जिसकी हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था, वह जिंदा लौट आया, असलियत खुली तो सबके उड़े होश

45 वर्षीय योगेंद्र 22 अक्टूबर 2018 को बिना किसी को कुछ बताए घर से चला गया था। अदालत के आदेश पर उसकी पत्नी रीता की तहरीर पर पुलिस ने 28 अप्रैल 2023 को गांव के ही वेदप्रकाश व उसके पुत्रों के खिलाफ अपहरण कर हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया था।

प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

यूपी के बागपत जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पुलिस के साथ-साथ पूरे गांव को भी चौंका दिया है। जिले के सिंघावली अहीर थाना इलाके का निवासी एक व्‍यक्ति अपहरण, हत्या के करीब 5 साल बाद खुद वापस लौट आया और अदालत में पहुंच गया। पुलिस के अनुसार अपने प्रतिद्वंद्वी द्वारा मुकदमा दर्ज कराये जाने के बाद घर से फरार योगेन्द्र ने दिल्‍ली में जीवन यापन के लिए टैक्सी चलाना शुरू कर दिया था और एक महिला से दूसरी शादी कर ली थी।

जानें क्या है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार इब्राहिमपुर गांवड़ी निवासी 45 वर्षीय योगेंद्र 22 अक्टूबर 2018 को बिना किसी को कुछ बताए घर से चला गया था। इस मामले में अदालत के आदेश पर उसकी पत्नी रीता की तहरीर पर सिंघावली अहीर थाना पुलिस ने 28 अप्रैल 2023 को गांव के ही वेदप्रकाश व उसके पुत्रों के खिलाफ अपहरण कर हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया था। सिंघावली अहीर थाना के प्रभारी निरीक्षक (SHO) जितेंद्र सिंह ने सोमवार को बताया कि अदालत के आदेश पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच में योगेंद्र के जीवित होने की बात सामने आई।

पड़ोसियों के साथ चल रही थी रंजिश

एसएचओ ने योगेन्द्र से पूछताछ के हवाले से बताया कि गांव में वेद प्रकाश से उसके परिवार की रंजिश चल रही थी, जिसमें वेद प्रकाश ने उसके खिलाफ मारपीट-गलौज करने और जान से मारने की धमकी देने का एक मुकदमा दर्ज कराया था। एसएचओ ने बताया कि योगेन्द्र के मुताबिक इसके बाद 22 अक्टूबर 2018 को वह बिना किसी को कुछ बताए घर से चला गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस को अपनी जांच के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई भी सुराग नहीं मिला। इस बात की पुष्टि भी नहीं हो सकी कि योगेन्द्र मर चुका है। जितेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस का दबाव होने पर योगेन्द्र चार जनवरी को वेद प्रकाश द्वारा 2010 में दर्ज कराए मुकदमे में अदालत के समक्ष पेश हुआ। वहां से उसे विधिक कार्यवाही के बाद जेल भेज दिया गया।

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