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Hindi News वायरल न्‍यूज महज 87 रुपए में बिक गया 135 कमरों वाला महल, मालिक लॉज में रहने को मजबूर

महज 87 रुपए में बिक गया 135 कमरों वाला महल, मालिक लॉज में रहने को मजबूर

जहां दो कमरों के मकानों की कीमत लाखों में हो रही हो वहां 135 कमरों के महल को सौ रुपए से भी कम कीमत में बेच देना कैसा लगता है।

Prince Ernst August and son- India TV Hindi Image Source : HELLOMAGAZINE Prince Ernst August and son

इस दुनिया में हर इंसान की तीन ही जरूरतें होती हैं , रोटी कपड़ा और मकान। मकान बनाने के लिए लोग दिन रात एक कर देते हैं। जिस तरह से जमीन की कीमतें बढ़ रही हैं ऐसे में सस्ते मकान की कल्पना करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में एक राजा के बेटे ने सनकीपन दिखाते हुए 135 कमरों का महल सौ रुपए से भी कम कीमत में बेच दिया है। आपको यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन ये बिलकुल सच है। जिस महल की कीमत करोड़ों अरबों में होनी चाहिए थी, उसे महज 87 रुपए में बेच दिया गया. खास बात ये है कि इस मकान का असली मालिक दूसरे देश में एक लॉज में किराए पर रहने को मजबूर है।

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बात हो रही है बर्लिन के राजकुमार अर्नस्ट ऑगस्ट की। अर्नस्ट ऑगस्ट जर्मनी के हनोवर शहर के राजा बताए जाते हैं और ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ उनके दूर के रिश्ते की बहन लगती हैं। दरअसल अर्नस्ट ऑगस्ट के पास पुश्तैनी महल मैरीनबर्ग था जिसे उन्होंने साल 2000 में अपने  जवान बेटे अर्नस्ट ऑगस्ट जूनियर को दे दिया था। 

Image Source : hellomagazinePrince Ernst August and son

अर्नस्ट ऑगस्ट को लगा था कि बेटा उनके महल की देख रेख करेगा और इस महल और उनकी विरासत को आगे ले जाएगा। लेकिन हो गया इसके उलट। अर्नस्ट ऑगस्ट जूनियर ने 2018 में इस महल को महज एक यूरो यानी 87 रुपए में जर्मन सरकार को बेच डाला। 

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अर्नस्ट ऑगस्ट ये खबर सुनकर सकते में आ गए और उन्होंने अपने बेटे के खिलाफ केस कर दिया है। अर्नस्ट ऑगस्ट का कहना है कि उनके पुश्तैनी महल को उनकी अनुमति के खिलाफ बेचा नहीं जा सकता। उन्होंने महल को वापस पाने के  लिए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। 

उधऱ अर्नस्ट ऑगस्ट जूनियर का कहना है कि 1867 में बना ये महल इतना बेकार हो चुका था कि इसकी रेनोवेशन के लिए ही करोड़ों रुपए लग रहे थे। इतना पैसा उनके पास नहीं था और उन्होंने महल के हित के लिए ही उसे सरकार को बेचने की घोषणा की। अब सरकार इस महल का रेनोवेशन करवाएगी। 

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लेकिन अर्नस्ट ऑगस्ट को ये मंजूर नहीं है। उनका कहना था कि ये उनकी विरासत का हिस्सा है जिसे उनके अलावा कोई नहीं बेच सकता। वो बीमार हैं और दूसरे देश में लॉज में रहने के लिए मजबूर हैं। उनकी तबियत ठीक नहीं रहती और बेटा उनकी संपत्तियो को तबाह कर रहा है।