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ISIS सरग़ना बग़दादी ख़ुद को पैग़बर के क़रीब क्यों बताता है...'

नई दिल्ली: इतिहास गवाह है कि दुनियां में जब भी कोई तानाशाह या सिरफ़िरा दहशतगर्द आया उसने किसी न किसी रुप में धर्म का सहारा लिया, वो धर्म जो एक आम इंसान की सबसे बड़ी


पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के मुताबिक बग़दादी के लड़ाकों के कब्जे में कम से कम 4500 ऐसी बेशकीमती जगहें हैं जहां के सामान तुर्की और जॉर्डन के काले बाजार में ऊंची कीमत पर बिक रहे हैं। वॉशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी प्राचीन कलाकृतियों की बिक्री से बगदादी को तेल के बाद सबसे ज्यादा पैसा मिल रहा है।

बताया जा रहा है कि इसके जरिए बगदादी एक साल में कम से कम 100 मिलियन डॉलर कमा रहा है। तो इस तरह बग़दादी मालदार होता जा रहा है। जब तक काला बाजार जिंदा रहेगा तब तक बगदादी मालदार होता रहेगा और उसके आतंकवादियों की टोली पूरी दुनिया में कोहराम मचाती रहेगी।

बताया जा रहा है कि जैसे जैसे बगदादी के आतंकवादी इराक के इलाके कब्जाते जा रहे थे उनके हाथ अमेरिका के छोड़े गए वाहन, हथियार और गोला बारूद आ रहा था। समझा जा रहा है कि बगदादी इन्हें बेचकर भी मोटी कमाई कर सकता है। और तो और उसने मकान बनाने के उपकरण, जेनरेटर, बिजली के तार, कारें, पशु, फर्नीचर और दूसरे सामान भी बेच डाले हैं। बगदादी को कमाई का चस्का ऐसा लगा हुआ है कि उसके लिए उसने यजीदी लड़कियों को भी नहीं बख्शा। इराक और सीरिया में बसी अनगिनत यजीदी औरतों और शिया-तुकोमन अल्पसंख्यक समुदाय के महिलाओं को बेचने के लिए बाकायदा मंडी लगाई जाती है। उनकी खरीद फरोख्त कर उन्हें जबरन अपने लड़ाकों से शादी करवा दी जाती है। उन्हें सेक्स स्लेव की तरह रखा जाता है।
 

 

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