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ईरान ने नातान्ज परमाणु स्थल पर हमले के लिए इज़राइल को जिम्मेदार ठहराया

खबरों के मुताबिक इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के खुफ‍िया दस्‍ते ने बम विस्‍फोट करके ईरान के मुख्‍य परमाणु संयंत्र नातान्ज के बिजली आपूर्ति व्‍यवस्‍था को बुरी तरह से तबाह कर दिया है। 

Iran blames Israel for Natanz nuclear facility incident, vows revenge- India TV Hindi Image Source : AP इजरायल ने एक बार‍ फिर से ईरान के परमाणु हथियार 'बनाने' के मंसूबे पर बुरी तरह से पानी फेर दिया है।

दुबई: खबरों के मुताबिक इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के खुफ‍िया दस्‍ते ने बम विस्‍फोट करके ईरान के मुख्‍य परमाणु संयंत्र नातान्ज के बिजली आपूर्ति व्‍यवस्‍था को बुरी तरह से तबाह कर दिया है। ईरान ने इस हमले के लिए इज़राइल को जिम्मेदार ठहराया है। इस हमले में परमाणु केंद्र का सेंट्रीफ्यूज़ क्षतिग्रस्त हो गया था जिसका इस्तेमाल वहां पर यूरेनियम संवर्धन के लिए किया जाता है। ईरान ने चेतावनी दी है कि वह हमले का बदला लेगा। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीबज़ादा की यह टिप्पणी रविवार की घटना के लिए पहली बार अधिकारिक तौर पर इज़राइल पर आरोप लगाती है। इस घटना से परमाणु केंद्र में बिजली चली गई थी। इज़राइल ने हमले की सीधे तौर पर जिम्मेदारी नहीं ली है। बहरहाल, शक फौरन उस पर गया, क्योंकि उसके मीडिया ने देश द्वारा विनाशकारी साइबर हमले की खबर दी जिससे बिजली गुल हो गई। अगर इज़राइल हमले के लिए जिम्मेदार है तो यह दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएगा जिनके बीच पहले से टकराव चल रहा है। 

रविवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात करने वाले इज़राइल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने संकल्प लिया है कि ईरान और विश्व शक्तियों के बीच परमाणु समझौते को बहाल होने के प्रयास को रोकने के लिए उनके बस में जो है, वो करेंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने सोमवार को इज़राइल के नेवतीम वायुसेना अड्डे पर इस बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि नातान्ज की घटना क्या ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम पर फिर से बातचीत की मेज पर लाने के बाइडन प्रशासन के प्रयासों को बाधित करेगी। उन्होंने कहा, “प्रयास जारी रहेंगे।”

नेवतीम में ऑस्टिन ने इज़राइली वायु एवं मिसाइल रक्षा प्रणाली और उसके एफ-35 लड़ाकू विमान का जायज़ा लिया। वहीं, खतीबज़ादा ने कहा, “नातान्ज का जवाब इज़राइल से बदला लेना है। इज़राइल को उसके तरीके से ही उसका जवाब मिलेगा।” हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। खतीबज़ादा ने माना कि आईआर-1 सेंट्रीफ्यूज़ हमले में क्षतिग्रस्त हुआ है। हालांकि उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। इस बीच, ईरान के अर्द्धसैनिक रेवोल्यूशनरी गार्ड के पूर्व प्रमुख ने कहा कि नातान्ज में हमले की वजह से आग भी लग गई थी और उन्होंने केंद्र पर सुरक्षा में सुधार करने की अपील की। 

मेजर जनरल मोहसिन रेज़ाई ने ट्विटर पर कहा कि नातान्ज में एक साल में दूसरी बार आग लगना घुसपैठ की घटना की गंभीरता का संकेत देता है। ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ ने कहा कि नातान्ज को और उन्नत मशीनरी के साथ बनाया जाएगा और यह परमाणु समझौते को बचाने के लिए वियना में चल रही बातचीत को संकट में डालने वाला है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ईरना ने ज़रीफ के हवाले से कहा, “यहूदी लोग प्रतिबंध हटाने को लेकर उनकी सफलता पर ईरानी लोगों से बदला लेना चाहते थे।” उन्होंने कहा, “लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे और यहूदियों से इस कृत्य का बदला लेंगे।” 

तेहरान के परमाणु कार्यक्रम की निगरानी करने वाली संयुक्त राष्ट्र निकाय आईएईए ने पहले कहा था कि उसे नातान्ज की घटना के बारे में मीडिया में आयी खबरों की जानकारी है और उसने ईरानी अधिकारियों से इस बारे में बात की है। एजेंसी ने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। बहरहाल, नातान्ज को पहले भी निशाना बनाया गया है। स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस से एक बार नातान्ज में ईरानी सेंट्रीफ्यूज को नष्ट कर दिया गया था। स्टक्सनेट का पता 2010 में चला था और इसके बारे में माना जाता है कि यह अमेरिका-इजराइल द्वारा निर्मित था। 

नातान्ज के उन्नत अपकेंद्रण संयंत्र में पिछले साल जुलाई में एक रहस्यमय विस्फोट हुआ था। ईरानी परमाणु संयंत्र पर हमला करने को लेकर ईरान का क्षेत्रीय शत्रु इजराइल संदेह के घेरे में रहा है। ईरान ने देश के सैन्य परमाणु कार्यक्रम की कई दशक पहले शुरुआत करने वाले वैज्ञानिक की हत्या के लिए इजराइल को ही दोषी ठहराया था। इजराइल के कई मीडिया संस्थानों ने रविवार को बताया कि एक साइबर हमला नातान्ज में विद्युत आपूर्ति बाधित होने का कारण बना। 

सरकारी प्रसारणकर्ता कान ने कहा कि हमले के पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद है। चैनल 12 टीवी ने "विशेषज्ञों" का हवाला देते हुए कहा कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने से इस इकाई के सभी क्षेत्र प्रभावित हुए। किसी भी खबर में कोई स्रोत या इस बात का स्पष्टीकरण शामिल नहीं था कि मीडिया घराने इस आकलन तक कैसे पहुंचे।

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