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Hindi News विदेश एशिया कटोरा लेकर दर-दर भटक रहा भिखारी पाकिस्तान, अब चीन से फिर मांगी 2 अरब डॉलर की भीख

कटोरा लेकर दर-दर भटक रहा भिखारी पाकिस्तान, अब चीन से फिर मांगी 2 अरब डॉलर की भीख

पाकिस्तान को भीख मांगने से फुरसत नहीं मिल पा रही है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक ने अब अपने करीबी चीन से 2 अरब डालर की मदद मांगी है। इससे पहले पाकिस्तान ने सऊदी अरब से 2 अरब डॉलर का उधार लिया था, जिसे सऊदी ने वापस ले लिया है। इससे पाकिस्तान की हालत फिर बिगड़ गई है।

अनवर-उल-हक काकर, पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम।- India TV Hindi Image Source : AP अनवर-उल-हक काकर, पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम।
बार-बार इनकार और दुत्कार के बावजूद पाकिस्तान भीख मांगने की आदत से बाज नहीं आ रहा। अब पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने दोस्त चीन की तरफ भीख का कटोरा आगे बढ़ाया है। इससे पहले पाकिस्तान सऊदी अरब, अमेरिका और अन्य इस्लामिक देशों से भीख मांग चुका है। चीन से इससे पहले भी पाकिस्तान ने मदद मांगी थी, लेकिन ड्रैगन ने इनकार कर दिया था। अब एक बार फिर नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपने करीबी सहयोगी चीन से एक साल के लिए दो अरब डॉलर का कर्ज मांगा है। शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
 
कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 23 मार्च को चीन से ऋण जमा करने का समय पूरा होते ही ऋण को वापस कर दिया जाए। समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, काकड़ ने पत्र में आर्थिक संकट के दौरान पाकिस्तान को वित्तीय सहायता देने के लिए चीन के प्रति आभार व्यक्त किया। पाकिस्तान ने कर्ज के रूप में चीन से कुल चार अरब डॉलर की राशि जुटा ली है, जिससे देश पर बाहरी ऋण भुगतान पर बढ़ता दबाव कम हो गया है और इसकी विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति स्थिर हो गई है।
 

सऊदी अरब ने वापस लिया दिया हुआ कर्जा

इसी महीने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तान के दो अरब डालर का ऋण वापस ले लिया। इसके अलावा, सऊदी अरब ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में पांच अरब डॉलर जमा किए हैं। यूएई द्वारा ऋण वापस लेने के बाद, पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 1.2 अरब डालर की अंतिम ऋण किश्त के लिए बातचीत के लिए इस महीने एक नया मिशन भेजने का अनुरोध किया। आईएमएफ का अगला मिशन न केवल अंतिम ऋण किश्त हासिल करने के लिए बल्कि एक नए दीर्घकालिक कार्यक्रम के लिए बातचीत शुरू करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। ​ (भाषा) 
 

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