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कंगाल पाकिस्तान दुआओं के भरोसे, अब दवाएं भी हुई महंगी, पैरासिटामोल सहित 20 जरूरी दवाओं के दाम बढ़े

पाक्स्तिान में शहबाज शरीफ कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति ने 20 जरूरी दवाओं की कीमतों में वृद्धि को अपनी मंजूरी दे दी। एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ हुई ईसीसी बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।

Shahbaz Sharif, PM Pakistan- India TV Hindi Image Source : FILE Shahbaz Sharif, PM Pakistan

Pakistan News: पाकिस्तान कंगाली के दौर से गुजर रहा है। जिंदगी से जुड़ी हर चीजें महंगी हो रही हैं। आटा, अनाज, पेट्रोल जैसी चीजों के बाद अब दवाओं के दाम भी और बढ़ गए हैं। हालत यह है कि ऐसे समय में जबकि पाकिस्तान में भी वायरल बुखार के मरीज मौसम बदलने की वजह से बढ़ रहे हैं, ऐसे में पैरासिटामोल सहित 20 जरूरी दवाएं महंगी हो गई हैं। 

पाक्स्तिान में शहबाज शरीफ कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति ने 20 जरूरी दवाओं की कीमतों में वृद्धि को अपनी मंजूरी दे दी। एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ हुई ईसीसी बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। ईसीसी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, विनियम और समन्वय मंत्रालय की संस्तुति पर दवा मूल्य निर्धारण समिति (DPC) की अनुशंसित 18 नई दवाओं के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) के निर्धारण की अनुमति दी। 

पाकिस्तान पहले कितनी थी पैरासिटामोल दवा की कीमत

पाकिस्तानी कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति ने पेरासिटामोल उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य को बदलने की भी मंजूरी दी है। दरअसल, पैरासिटामोल का इस्तेमाल बुखार, दर्द जैसी आम बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाली दवा भी है। पाकिस्तान में पैरासिटामोल को सरकारी नियंत्रण में रखा गया है। ऐसे में इस दवा की कीमत में इजाफा बिना सरकारी मंजूरी के नहीं की जा सकती है।

पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल

पाकिस्तान स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से सबसे बदहाल देशों में से एक है। यहां के शहरों में बना सरकारी अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं का बुरी तरह अभाव है। जबकि हर समय भारी भीड़ लगी रहती है। इस कारण जरूरतमंद लोगों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाता। 

वहीं, गरीब अवाम के पास इतना पैसा नहीं है कि वे प्राइवेट अस्पतालों में भारी-भरकम बिल की अदायगी कर इलाज करवा सकें। पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में विपरीत भौगोलिक परिस्थिति और विरल आबादी के कारण अस्पताल काफी कम संख्या में बनाए गए हैं। अधिकतर ग्रामीण अस्पतालों में चंद आम बीमारियों का ही इलाज किया जाता है।

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