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Coronavirus Pandemic: ऑटो टैक्सी-रेहड़ी वालों की कमाई पर पड़ रहा बुरा असर, दिन का 200 रुपए कमाना हुआ मुश्किल

कोरोना के कहर का असर ऑटो, टैक्सी और खोमचे वालों के साथ-साथ ट्यूशन टीचर की कमाई पर भी पड़ा है।

Written by: India TV Business Desk
Updated : March 21, 2020 10:13 IST
Auto taxi driver, street vendors, income effected, Coronavirus, COVID-19- India TV Paisa

Auto taxi driver street vendors income effected due to Coronavirus

नई दिल्ली। कोरोना के कहर का असर ऑटो, टैक्सी और खोमचे वालों के साथ-साथ ट्यूशन टीचर की कमाई पर भी पड़ा है। कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार पूरी दुनिया में गहराता जा रहा है, जिसके कारण एहतियात के तौर पर लोगों ने घूमने-फिरने या खरीदारी करने घरों से निकलना बंद कर दिया है, जिससे ऑटो, टैक्सी चालकों और रेहड़ी, खोमचे वालों की कमाई काफी घट गई है।

बिहार के मोतीहारी निवासी रामबाबू देश की राजधानी दिल्ली में कई साल से ऑटो चलाते हैं। उन्होंने बताया कि जहां रोजाना वह 700-800 रुपए कमाते थे, वहां अब 200 रुपए कमाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि विदेशी पर्यटक तो नदारद हो गए हैं वहीं, दिल्ली के लोग भी घूमने-फिरने, खरीदारी करने के लिए नहीं निकल रहे हैं।

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Auto taxi driver

अपना ड्राइवर्स एसोसिएशन एंड टैक्सी सर्विसेज के संजय अग्रवाल ने बताया कि बीते 15 दिनों से उनके कारोबार पर काफी असर पड़ा है क्योंकि लोगों ने घरों से बाहर निकलना कम कर दिया है और पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं। अग्रवाल ने बताया कि उनका कारोबार तकरीबन 80 फीसदी घट गया है। कई टैक्सी चालकों ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण उनकी रोजी-रोटी प्रभावित हुई है।

दिल्ली में इंडियन ऑयल पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट राकेश चैधरी बताते हैं कि बीते कुछ दिनों से दिल्ली में डीजल और सीएनजी की बिक्री में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। डीजल और सीएनजी की मांग में कमी से जाहिर होती है कि कोरोनावायरस के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ऑटो-टैक्सी सेवा प्रभावित हुई है।

उन्होंने बताया कि लंबी दूरी की यात्रा पर जाने वाली टैक्सियों में ईंधन के रूप में डीजल का इस्तेमाल किया जाता है जबकि दिल्ली-एनसीआर में संचालित लोकल टैक्सी में सीएनजी का इस्तेमाल किया जाता है और बीते कुछ दिनों में कि कोरोना वायरस के प्रकोप से परिवहन व्यवस्था प्रभावित होने से वाहन ईंधनों की मांग घट गई है। कोरोना ने न सिर्फ ऑटो-टैक्सी चालकों व मालिकों के कारोबार को प्रभावित किया है बल्कि ट्यूशन टीचर की कमाई भी प्रभावित हुई है।

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नाम प्रकाशित नहीं करने के इच्छुक एक ट्यूशन टीचर ने बताया कि स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद होने के बाद अब लोगों ने अपने बच्चों का होम-ट्यूशन भी बंद करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि वह रोजाना पांच से छह ट्यूशन क्लास लेते थे, लेकिन इस समय सिर्फ एक ट्यूशन क्लास ले रहे हैं।

रेहड़ी, पटरियों पर दुकान लगाने वालों व खोमचे वालों की कमाई पहले से कम हो चुकी है। नरेश कुमार नोएडा में ठेला लगाकर अंडा व ऑमलेट बेचता है, लेकिन वह बताता है कि जब से कोरोना वायरस का प्रकोप देश में बढ़ा है लोगों ने अंडा व ऑमलेट खाना कम कर दिया है, जिससे उसकी कमाई 50 फीसदी से भी ज्यादा घट गई है।

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दुनियाभर में अबतक 11,000 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत

कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में अब तक 11 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के ढाई लाख से अधिक मामले सामने आये हैं। एएफपी ने आधिकारिक सूत्रों के आधार पर शुक्रवार को यह आंकड़ा दिया। दुनिया के 163 देशों से इस रोग के कम से कम 256,296 मामले सामने आये और 11015 मरीजों की मौत हो गयी। कोरोना वायरस संक्रमण के 63 नये मामले सामने आने के बाद शुक्रवार की शाम को देश में इस संक्रमण के कुल मामले आईसीएमआर के अनुसार बढ़कर 236 हो गये जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का आंकड़ा 223 है। इस बीच दिल्ली और महाराष्ट्र सरकारों ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए सार्वजनिक स्थानों को बंद करने की घोषणा की। 'लॉकडाउन' (Lock Down) का सीधा सा मतलब होता है तालाबंदी, जिस तरह किसी फैक्ट्री को बंद किया जाता है तो वहां तालाबंदी हो जाती है और कोई भी कर्मचारी भीतर नहीं जा सकता। ठीक उसी तरह अपने आपको घर में कैद कर लिया जाता है। 

भारत में भी हो लॉक डाउन

कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण करने के लिए पूर्ण पाबंदी की जरूरत है तथा लोगों के यात्रा करने पर भी रोक लगानी होगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रीसर्च (आईसीएमआर) के डाक्टरों का कहना है कि वर्तमान स्टेज में ही भारत में सभी स्थानों को बीमारी से पहले ही लॉक डाउन कर दिया जाना चाहिए। इससे समाज में महामारी के स्तर पर इसके फैलाव को रोका जा सकेगा। डा. भार्गव के अनुसार अभी भारत में यह नियंत्रित स्थिति में है।

संक्रमण फैलने के 4 चरणों को ऐसे समझें

  • जब बाहर से आने वाले लोगों में यह संक्रमण पाया गया। 
  • जब विदेश से संक्रमित होकर आये व्यक्ति के संपर्क में आकर किसी को यह रोग हुआ। फिलहाल भारत में कोरोना वायरस दूसरे चरण पर है। 
  • तीसरे चरण में संक्रमण सामुदायिक स्तर पर फैलने लगता है। ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल होता है कि मरीज को संक्रमण किस स्थान अथवा व्यक्ति से हुआ जबकि उस व्यक्ति ने न तो कहीं यात्रा की होती है और न ही किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने का कोई रिकार्ड होता है। 
  • अंतिम स्टेज में यह बीमारी महामारी का रूप ले चुकी होती है। हर तीसरे व्यक्ति में सक्रमण मिलने लगता है तथा इसके सोर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। चीन व इटली में हालात चौथे स्टेज पर पहुंच चुकी है। 

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