नई दिल्ली। आने वाले समय में एक बार फिर सीएनजी कीमतों में बढ़त देखने को मिल सकती है। दरअसल सरकार ने आज प्राकृतिक गैस की कीमतों में 62 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी की है। प्राकृतिक गैस से बिजली संयंत्र, उर्वरक कारखाने चलाये जाते हैं वहीं इससे सीएनजी भी बनाई जाती हैं। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल ने कीमतों में बढ़त की जानकारी दी। पेट्रोलियम मिनिस्ट्री की इकाई ने आज कहा कि घरेलू उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों को बढ़ाकर 2.90 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (mmBtu)कर दिया गया है। फिलहाल इसकी कीमत 1.79 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर हैं। दी गयी जानकारी के मुताबिक ये दरें पहली अक्टूबर 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक लागू रहेंगी।
कितनी बढ़ी हैं कीमतें
आधिकारिक आदेश के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों को नामांकन आधार पर आबंटित क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत एक अक्टूबर से अगले छह महीने के लिये 2.90 डालर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट होगी। वहीं, गहरे सागर जैसे कठिन क्षेत्रों में स्थित फील्डों से उत्पादित गैस की कीमत 6.13 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट होगी। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल ने जानकारी दी कि ये दरें ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को उत्पादित गैस के लिये अगले 6 महीने तक चुकाई जाएंगी। इससे पहले एक अप्रैल को घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम 1.79 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर स्थिर रखे गये थे। ये दरें सितंबर के अंत तक लागू थीं।
कीमतों में बढ़त का कितना होगा असर
उद्योग सूत्रों की माने तो प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़त से दिल्ली और मुंबई में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में 10-11 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिल सकती है। वहीं इसका असर बिजली के उत्पादन पर भी पड़ सकता है, हालांकि जानकार मानते हैं कि उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कुल बिजली उत्पादन में गैस आधारित बिजली उत्पादन का हिस्सा काफी कम है। वहीं फर्टिलाइजर की कीमतों पर भी असर पड़ने की आशंका है, हालांकि सरकार कीमतों पर सब्सिडी दे रही है इसलिये किसानों पर इसका असर नहीं दिखेगा।
यह भी पढ़ें: भारत दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल मार्केट बनने का राह पर, सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में शामिल: पीयूष गोयल
यह भी पढ़ें: भारत में इस दशक के दौरान सात प्रतिशत से ज्यादा जीडीपी वृद्धि की उम्मीद: मुख्य आर्थिक सलाहकार