हरदीप सिंह पुरी ने कहा- अंतर्राष्ट्रीय बाजार के बारे में मेरा अनुमान है कि 2026 में आपको प्राकृतिक गैस की उपलब्धता में बड़ी वृद्धि दिखाई देने लगेगी। हमें कतर से और गैस मिल सकती है।
भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 36.43 बीसीएम गैस का उत्पादन किया है। निश्चित रूप से ये भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बड़ी उपलब्धि पर समस्त देशवासियों को बधाई दी है।
घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने से गैस डिस्ट्रीब्यशशन कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा और हो सकता है कि इससे आपको सीएनजी और पीएनजी के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
अब त्योहारों के सीजन में आपकी जेब और अधिक ढीली हो सकती है। वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो गई। इसके ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि CNG और PNG के दाम भी जल्द ही बढ़ सकते हैं।
सरकार प्रत्येक छह महीने (एक अप्रैल और एक अक्टूबर) में गैस के दाम तय करती है। यह कीमत अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस अधिशेष वाले देशों की पिछले एक साल की दरों के आधार पर एक तिमाही के अंतराल के हिसाब से तय की जाती है।
Europe Gas Crisis: यूरोप तक जाने वाली नोर्ड स्ट्रीम1 पाइपलाइन के जरिये प्राकृतिक गैस की आपूर्ति घटाकर कुल क्षमता का 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
क्रूड की तरह ही गैस पर भी संकट के बाद मंडरा रहे हैं। पेट्रोल डीजल से इतर गैस भी आपकी जेब को खाक करने की तैयारी में है।
गैस आधारित प्लांट से उत्पन्न बिजली की दरों की बिक्री लगभग स्थिर दरों में होने की वजह से संयंत्रों की गैस दरों में भी स्थिरता की मांग
घरेलू उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़कर 2.90 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर पहुंच गयी हैं। दरें पहली अक्टूबर 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक लागू रहेंगी।
प्राकृतिक गैस का उत्पादन अगस्त में 20 प्रतिशत बढ़कर 2.9 अरब घन मीटर रहा। वहीं जून के महीने में खनिजों का उत्पादन 23 प्रतिशत बढ़ा है।
प्राकृतिक गैस पर जीएसटी लगाने से ओएनजीसी, आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी सरकारी तेल कंपनियों को 25,000 करोड़ रुपये के कर बोझ से बचाने में मदद मिलेगी
देश के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक ओएनजीसी ने जुलाई के दौरान 16 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। ये पिछले साल के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है
भारत में ज्यादातर क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस का उत्पादन अपस्ट्रीम उत्पादकों के लिए घाटे का सौदा बना हुआ है।
इसके साथ ही खरीदार कंपनियों को उतनी गैस लेनी होगी जितने को लेकर उन्होंने प्रतिबद्धता जतायी है। ऐसा नहीं करने पर इस्तेमाल नहीं की गई गैस के लिये भुगतान करने की शर्त
प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और सीमेंट क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में गिरावट आई है। नवंबर, 2019 में आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 0.7 प्रतिशत बढ़ा था।
रिलायंस-बीपी ने 18 दिसंबर को एशिया की सबसे गहरी परियोजना आर-क्लस्टर से उत्पादन की घोषणा की थी। यह उन तीन गहरे समुद्र की परियोजनाओं में से है जिनका विकास दोनों कंपनियों पूर्वी अपतटीय ब्लॉक में कर रही हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में सीएनजी तथा पाइप के जरिये आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में कटौती की गई है।
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सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल इंडिया लिमिटेड का गैस उत्पादन भी 10 प्रतिशत घटकर 20.20 करोड़ घनमीटर रह गया।
ब्लॉक पर ओएनजीसी की 5 अरब डॉलर निवेश करने की योजना
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