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  4. जीएसटी दरों व 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को लेकर कोलकाता में वित्त मंत्री ने कही ये बात

FM Kolkata Visit: हमने बजट में रखी है पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की बुनियाद- वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में दरों के स्थायित्व की आवश्यकता पर भी बल दिया।

Written by: India TV Business Desk
Updated : February 09, 2020 18:36 IST
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Photo:PTI

Union Minister for Finance and Corporate Affairs Nirmala Sitharaman receives a bouquet from Chairman of Central Board of Direct Taxes Pramod Chandra Mody during an interactive session on the Union Budget 2020-2021, in Kolkata on Sunday.

कोलकाता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार ने देश को 2024-25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये बजट में उपभोग बढ़ाने की जमीन तैयार करने के साथ-साथ ढांचागत सुविधाओं के विकास में सरकारी निवेश की सुनिश्चित व्यवस्था की है। वित्त मंत्री ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में दरों के स्थायित्व की आवश्यकता पर भी बल दिया। सीतारमण ने जीएसटी दरों को हर तीन महीने के बजाय साल में केवल एक बार संशोधन करने की वकालत की। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार उद्योगों और कारोबारों के साथ लगातार जुड़े रहना चाहती है तथा करों के भुगतान को सहज बनाने के लिए उनकी सहायता करेगी। 

बता दें कि, वित्त मंत्री सीतारमण यहां व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही थीं। सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे लगता है कि हमने उपभोग बढ़ाने तथा पूंजीगत खर्च सुनिश्चित करने की आधारशिला रख दी है। सरकार का निवेश बुनियादी संरचना में निर्माण में लगेगा, जिसका अल्पावधि और दीर्घावधि दोनों में असर होगा।' उन्होंने कहा, 'ग्रामीण क्षेत्र की दिक्कतों को दूर करने के लिये बजट में 16 सूत्रीय कार्ययोजना की घोषणा की गयी है। अत: मेरा अनुमान है कि ये कदम देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर आगे ले जाएंगे।' 

यह पूछे जाने पर कि बजट में पश्चिम बंगाल को क्या मिला, वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं नहीं जानती हूं कि किसको क्या मिला के सवाल का किस तरह से जवाब दूं। मैं वृहद आर्थिक स्थिरता और देश में संपत्ति सृजन के दृष्टिकोण से देख रही हूं। कर की घटी दरों से लोगों के हाथों में अधिक पैसा पहुंच रहा है।' उन्होंने कहा कि बजट में जिन परियोजनाओं को लेकर घोषणाएं की गयी हैं, वे परियोजनाएं विभिन्न राज्यों में चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में कर मामलों में अपील करने तथा कर भुगतान की प्रक्रिया में अधिकारियों और करदाताओं के एक-दूसरे के सामने उपस्थित होने की अनिवार्यता समाप्त करने जैसे कदमों को शामिल किया है। सीतारमण ने कहा कि यह सिर्फ नयी प्रौद्योगिकी से संभव हो सकता है। उन्होंने कहा, 'पिछले कई साल हमें बेकार कानूनों को हटाने में लगे। यह सरकार को बजट में किये गये वादों को पूरा करने में मदद करेगा।' 

वित्त मंत्री ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े मुद्दों को लेकर कहा कि कर की दरें कम करने की पहल शुरू करने की जिम्मेदारी केंद्र की नहीं है। राज्यों के मंत्रियों को भी मामले उठाने चाहिये। चाय बोर्ड के चेयरमैन पी. के. बेजबरुआ द्वारा पश्चिम बंगाल और असम के चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम की कमी का मामला उठाने पर उन्होंने कहा, 'बिना नकदी के मेहनताने का भुगतान समस्या बन रहा है। मैं जानती हूं कि चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम कम हैं। सरकार इन इलाकों में एटीएम लगाने को तैयार है।' 

वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सच्चे कारोबारों के द्वारा कर्जलिये जाने में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'व्यावसायिक ऋण वितरण में तेजी की जरूरत है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कारोबार की वास्तविक असफलता तथा धोखाधड़ी के बीच फर्क करने के लिये एक समिति गठित की है।' इस दौरान यहां के उद्योगपतियों ने वित्त मंत्री से मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये बजट में उठाये गये बड़े कदमों की सराहना की। 

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के महानिदेशक राजीव सिंह ने बैठक के बाद कहा, 'हमारी चर्चा बुनियादी संरचना पर खर्च बढ़ाने, भारतीय जीवन बीमा निगम का विनिवेश करने, कृषि क्षेत्र के लिये उपायों जैसे सरकार के बड़े कदमों पर केंद्रित रही।' आईसीसी के प्रतिनिधिमंडल ने लाभांश वितरण कर, गैर-निष्पादित परिसंपत्ति से संबंधी कानूनों, खुदरा क्षेत्र के लिये कई मंजूरियां, निर्यात के लिये मानक परिचालन प्रक्रिया, रियल एस्टेट क्षेत्र के मुद्दों आदि पर कुछ सुझाव भी दिए।

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