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वित्त मंत्रालय ने जताया भरोसा, नई पूंजी डालने से चार सरकारी बैंक भी पीसीए दायरे से आ जाएंगे बाहर

इस कार्रवाई के तहत आने वाले बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लागू हो जाते हैं। उन्हें नया कर्ज देने, प्रबंधन के पारितोषिक और निदेशकों की फीस जैसे मामलों में कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना होता है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 02, 2019 19:29 IST
Finance Ministry expects remaining four banks to be out of PCA framework this fiscal- India TV Paisa
Photo:FINANCE MINISTRY

Finance Ministry expects remaining four banks to be out of PCA framework this fiscal

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि हाल में की गई घोषणा के अनुरूप बैंकों में नई पूंजी डालने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) व्यवस्था में रह गए चार बैंक भी इसके दायरे से बाहर निकल आएंगे। वर्तमान में सिर्फ चार बैंक-इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया पीसीए के दायरे में हैं। इस कार्रवाई के तहत आने वाले बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लागू हो जाते हैं। उन्हें नया कर्ज देने, प्रबंधन के पारितोषिक और निदेशकों की फीस जैसे मामलों में कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना होता है।

सरकार ने शुक्रवार को इन चार बैंकों में 10,800 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की घोषणा की है। इंडियन ओवरसीज बैंक को सबसे ज्यादा 3,800 करोड़ रुपए की पूंजी मिली है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,300 करोड़ रुपए, यूको बैंक को 2,100 करोड़ और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ रुपए की नई पूंजी दी जाएगी।

वित्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि यह नियामकीय पूंजी इतनी ज्यादा है कि इससे चारों बैंक इस साल ही पीसीए व्यवस्था से बाहर निकलने में सक्षम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड बैंक विलय के चलते बाहर आ जाएगा, जबकि सरकार ने इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक को पर्याप्त पूंजी दी है। यह पूंजी इन बैंकों को पीसीए के दायरे से बाहर निकलने में मदद करेगी।

पिछले हफ्ते सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैकों को मिलाकर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की थी। इसमें यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का पंजाब नेशनल बैंक के साथ विलय शामिल है। इस विलय के बाद भारतीय स्टेट बैंक के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। इस साल की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने सरकार की ओर से पूंजी समर्थन देने के बाद पांच बैंकों बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इलाहाबाद बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को दो चरणों में तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के दायरे से बाहर कर दिया था।

सरकार की ओर से पूंजी समर्थन मिलने के बाद इन बैंकों को आवश्यक पूंजी सीमा को पूरा करने और शुद्ध एनपीए को घटाकर 6 प्रतिशत से नीच रखने में मदद की थी। रिजर्व बैंक ने पिछले साल 11 सार्वजनिक बैंकों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के दायर में ला दिया था। जिसके बाद इन बैंकों पर कामकाज संबंधी कई तरह के प्रतिबंध लग गए थे। 

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