नई दिल्ली। केंद्र सरकार गांवों के अनस्किल्ड युवाओं को स्किल इंडिया की ट्रेनिंग देकर उन्हें हुनरमंद बनाने की तैयारी कर रही है, ताकि युवाओं को रोजगार पाने में आसानी हो। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत यह प्लान तैयार हुआ है। वर्ष 2024 तक सभी पंजीकृत युवाओं को ट्रेनिंग मिलेगी।
इस योजना से जहां विभिन्न सेक्टर लायक कुशल श्रमिक उपलब्ध हो सकेंगे, वहीं गरीबी को भी कम करने में सरकार को मदद मिलेगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से गांवों के युवाओं के हुनर का विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए यह योजना संचालित की जा रही है।
उच्चस्तरीय ट्रेनिंग के लिए खास मानकों (एसओपी) का पालन होता है। सर्टिफाइड ट्रेनर इस योजना के तहत उपलब्ध कराए जाते हैं। पंजीकृत युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण यहां दिया जाता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की नेशनल यूनिट इस योजना के तहत नेशनल पॉलिसी मेकिंग, फंडिंग, टेक्निकल सपोर्ट की जिम्मेदारी देखती है, वहीं राज्य स्तर पर इस योजना का क्रियान्वयन स्टेट स्किल डेवलपमेंट मिशन या राज्य आजीविका मिशन के नेतृत्व में होता है।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस योजना के तहत कुल पचास लाख ग्रामीण युवाओं को पंजीकृत कर उन्हें जरूरत के हिसाब से ट्रेंड करने की तैयारी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से तैयार विजन डाक्यूमेंट के मुताबिक, 2019-20 में सात लाख युवाओं का पंजीकरण हुआ। वहीं 2020-21 में नौ लाख, 2021-22 में 12 लाख, 2022-23 में 12 लाख और 2023-24 में दस लाख अनस्किल्ड ग्रामीण युवाओं का पंजीकरण कर उन्हे ट्रेंड करने का लक्ष्य तय किया गया है।
मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेनिंग में रुचि रखने वाले युवाओं की पहचान कर उन्हें आगे बढ़ने के अवसर इस योजना में उपलब्ध कराए जाते हैं। अगर ट्रेनिंग के बाद कोई व्यक्ति रोजगार पाता है तो माना जाता है कि उसके परिवार की गरीबी दूर हो गई।