नयी दिल्ली: सरकार की ओर से होने वाली धान और गेहूं की खरीद अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस स्थिति के चलते सरकार चालू विपणन वर्ष के लिये तय लक्ष्य को आराम से हासिल कर लेगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चालू रबी मौसम विपणन वर्ष में गेहूं की खरीद दो जून तक 411.12 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में खरीद की मात्रा 365.36 लाख टन थी।
गेहूं खरीद का पिछला रिकॉर्ड
गेहूं खरीद का पिछला रिकॉर्ड पिछले साल 389.92 लाख टन खरीद का रहा है। पांडे ने आभासी संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने गेहूं खरीद लक्ष्य को संशोधित कर 432.5 लाख टन कर दिया है, जिसे हम आसानी से हासिल कर लेंगे।’’ गेहूं की खरीद का बड़ा हिस्सा जून तक ही पूरा हो जाता है।
गेहूं किसानों के खाते में करीब 76,055.71 करोड़ रुपए भेजे
गेहूं किसानों के खाते में करीब 76,055.71 करोड़ रुपए भेजे गए हैं, जिसमें से 26,103.89 करोड़ रुपए पंजाब में, 16,706.33 करोड़ रुपए हरियाणा में और 22,211.6 करोड़ रुपए मध्य प्रदेश के किसानों के खाते में गए हैं। धान के बारे में बात करते हुए, पांडे ने कहा कि दो जून तक इसकी खरीद लगभग 800 लाख टन तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की 771 लाख टन कुल खरीद के मुकाबले एक नया रिकॉर्ड है।
सचिव ने कहा कि इस साल सितंबर में समाप्त होने वाले खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए धान खरीद का लक्ष्य 940 लाख टन निर्धारित किया गया है। इस साल अब तक धान किसानों के बैंक खातों में करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष अंतरण किया जा चुका है। खाद्य कानून के तहत खाद्यान्न आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान खरीदती है। भारतीय खाद्य निगम खाद्यान्न की खरीद और वितरण करने वाली नोडल एजेंसी है।