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बैंकों का सकल NPA सितंबर में घटकर हुआ 9.1 प्रतिशत, FY18 में यह आंकड़ा था 11.2 प्रतिशत

सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए अनुपात में गिरावट के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 25, 2019 11:17 IST
Gross NPA ratio improves to 9.1 as of Sept end, says RBI- India TV Paisa

Gross NPA ratio improves to 9.1 as of Sept end, says RBI

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की फंसे कर्ज की पहचान को लेकर सख्ती के साथ यह प्रक्रिया करीब करीब पूरी होने को है और साथ ही बैंकों का सकल एनपीए (फंसा कर्ज) सितंबर 2019 में सुधर कर 9.1 प्रतिशत पर आ गया। वहीं वित्त वर्ष 2017-18 में यह 11.2 प्रतिशत था।

रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। सभी वाणिज्यिक बैंकों की शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 2018-19 में घटकर 3.7 प्रतिशत पर आ गईं, जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह अनुपात 6 प्रतिशत था।

आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार लगातार सात साल बढ़ने के बाद सभी बैंकों का सकल एनपीए वित्‍त वर्ष 2018-19 में घटा है। फंसे कर्ज को चिन्हित करने की प्रक्रिया पूरी होने के करीब पहुंचने के साथ इसमें कमी आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए अनुपात में गिरावट के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 2018-19 में सुधरकर 11.6 प्रतिशत पर आ गया जो 2017-18 में 14.6 प्रतिशत था। वहीं शुद्ध एनपीए इस दौरान 8 प्रतिशत से घटकर 4.8 प्रतिशत पर आ गया।

रिपोर्ट के अनुसार निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए इस दौरान बढ़ा है। जहां 2017-18 में यह 4.7 प्रतिशत था, वह 2018-19 में बढ़कर 5.3 प्रतिशत पर आ गया। वहीं शुद्ध एनपीए 2.4 प्रतिशत के मुकाबले 2 प्रतिशत रहा। इसका कारण आईडीबीआई बैंक का एनपीए है। एलआईसी के अधिग्रहण के बाद इसे निजी क्षेत्र का बैंक माना गया।

इसमें कहा गया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता में जीएनपीए अनुपात के संदर्भ में कमी आयी है। इसका कारण आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र का बैंक माना जाना है। रिपोर्ट के अनुसार हालांकि आईडीबीआई बैंक को हटा दिया जाए तो निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए अनुपात कम हुआ है। वर्ष 2018-19 में आईडीबीआई बैंक का एनपीए अनुपात 29.4 प्रतिशत पर था।

क्षेत्रवार आधार पर कृषि क्षेत्र में बैंकों का सकल एनपीए 2018-19 और 2019-20 में बढ़ा। आरबीआई द्वारा कृषि कर्ज की समीक्षा के लिये गठित आंतरिक कार्यकारी समूह के अनुसार उन राज्यों में एनपीए का स्तर बढ़ा है जहां 2017-18 और 2018-19 में कृषि कर्ज माफी की घोषणा की गई। औद्योगिक क्षेत्र में सकल एनपीए 17.4 प्रतिशत पर बना हुआ है। यह सितंबर 2019 के अंत में कुल फंसे कर्ज का दो तिहाई है। रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक के बड़े कर्जों का जीएनपीए में योगदान 91 प्रतिशत था।

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