नई दिल्ली। अगस्त के महीने में देश का खाद्य तेल आयात पिछले साल के मुकाबले 14 फीसदी की गिरावट के साथ 13.7 लाख टन रहा है। खाद्य तेल के आयात में ये गिरावट पाम तेल की मांग में कमी की वजह से देखने को मिली है। पाम आयल का आयात पिछले साल के मुकाबले 13.9 फीसदी की गिरावट के साथ 7.34 लाख टन के स्तर पर रहा है। इंडस्ट्री के प्रमुख संगठन एसईए ( Solvent Extractors Association of India) ने ये जानकारी दी है। आयात में ये गिरावट कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़त जारी रहने के साथ होटल और रेस्टोरेंट्स की तरफ से डिमांड में कमी की वजह से दर्ज हुई है।
एसोसिएशन ने जानकारी दी है कि देश का सोयाऑयल आयात पिछले साल के मुकाबले 10.4 फीसदी की गिरावट के साथ 3.94 लाख टन के स्तर पर आ गया है। जबकि सनफ्लॉवर तेल का आयात 31 फीसदी की गिरावट के साथ 1.58 लाख टन के स्तर पर आ गया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल का आयातक है। घरेलू मांग में गिरावट की वजह से मलेशिया के पाम ऑयल और अमेरिका के सोयाऑयल की कीमत में दबाव की आशंका बन गई है। पाम ऑयल का आमतौर पर इस्तेमाल होटल और रेस्टोरेंट में होता है, जून में प्रतिबंधों में ढील के बाद से होटल और रेस्टोरेंट्स में कामकाज धीरे धीरे शुरू हुआ था जिसके बाद पाम ऑयल की मांग में सुधार देखने को मिला, हालांकि कोरोना वायरस की संख्या में लगातार बढ़त के बाद एक बाऱ फिर मांग में सुस्ती आ रही है।
2019-20 मार्केटिंग ईयर के पहले 10 महीने में भारत का खाद्य तेल आयात 13 फीसदी की गिरावट के साथ 1.12 करोड़ टन पर आ गया है। खाद्य तेल का मार्केटिंग ईयर नवंबर से शुरू होता है। एसोसिएशन ने अनुमान दिया है कि मौजूदा ऑयल ईयर (नवंबर- अक्टूबर) में कुल खाद्य तेल का आयात 15 लाख टन तक गिरकर 1.35 करोड़ टन के स्तर पर रह सकता है। भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना, ब्राजील यूक्रेन और रूस से सोयाऑयल, सनफ्लावर ऑयल का आयात करता है।