राज्यों के मापविज्ञान अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे खाद्य तेलों के निर्माताओं, पैकर्स और आयातकों के बीच तापमान का उल्लेख किए बिना जिंस को पैक करने के लिए जागरूकता पैदा करें।
आज भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी देखने को मिली है। बीएसई सेंसेक्स 518 अंक से अधिक के नुकसान में रहा, जिसका असर तिलहन बाजार पर भी देखने को मिला। आइए आज जानते हैं कि हफ्ते के पहले दिन तिलहन कितना महंगा-सस्ता हुआ।
मंदी की चपेट में जूझती दुनिया के बीच भारत में महंगाई पर लगाम लगाई जा रही है। सरकार के शानदार नीतियों और मजबूत इरादों के बदौलत आज महंगाई दर कम हुआ है। इस बीच सरकार ने खाने की चीजों से जुड़े प्रोडक्ट की खरीद में भी बढ़ोतरी की है।
बरसात की वजह से बिनौला की नयी फसल के मंडियों में आने में हुई देर तथा किसानों द्वारा नीचे भाव पर बिकवाली नहीं करने के बीच मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन दाना और लूज (तिलहन) और बिनौला तेल कीमतें अपरिवर्तित बनी रहीं।
Edible Oil: बीते 2 महीने में कच्चा तेल ही नहीं बल्कि खाने के तेल (Oil) के दाम भी आम आदमी का तेल निकाल रहे हैं। अब गुजरात स्टेट एडिबल ऑयल एंड एडिबल ऑयल सीड्स एसोसिएशन (GSEOOSA) के अध्यक्ष ने आशंका व्यक्त की है कि देश में खाद्य तेल के दाम बढ़ेंगे।
Government Action: : केंद्र सरकार ने लेबल में तापमान के बजाय मात्रा और वजन के संदर्भ में शुद्ध मात्रा का उल्लेख करने का निर्देश दिया।
Edible Oil Price Cut: देश भर में खाने के तेल की कीमतों (Edible Oil Price) में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। यहां आपको पूरी रेट लिस्ट देखने को मिलेगी
16 जून को वैश्विक बाजारों में कीमतों में नरमी आने के साथ अपने खाद्य तेलों की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की थी।
Mother Dairy Price Cut: डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी मदर डेयरी ने सोयाबीन, राइस ब्रान के तेल के MRP में भारी कटौती की है। मदर डेयरी ने अपने तेल में 14 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की है।
सरकार ने तेल कंपनियों से कहा कि खाने के तेल के पैकेट में दर्शाए गए वजन की तुलना में कम मात्रा की उपभोक्ताओं की शिकायतों को दूर करें।
फॉर्च्यून सोयाबीन और फॉर्च्यून कच्ची घानी (सरसों का तेल) एक लीटर पैक की एमआरपी 205 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 195 रुपये कर दी गई है।
कंपनी ने कहा कि तेल की कीमतों में यह कमी केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के चलते हुई है।
मशहूर ब्रांड धारा ने सरसों, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। बता दें कि धारा दिल्ली-एनसीआर की डेयरी कंपनी मदर डेयरी का ब्रांड है।
सरकार ने सालाना 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर सीमा शुल्क तथा कृषि अवसंरचना उपकर को मार्च, 2024 तक हटाने की घोषणा की है।
यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है कि देश का 23 प्रतिशत खाद्य तेल पेंट, वार्निश और अन्य उत्पाद बनाने वाले कारखानों में जाता है। यह आवश्यक है कि खाद्य तेल के इस औद्योगिक उपयोग को रोका जाए
रूस एवं यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत खाद्य तेलों के आयात के लिए नए विकल्पों की तलाश कर रहा है।
खाद्य उत्पादों में वृद्धि तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई, जो फरवरी में सालाना आधार पर 16.44 प्रतिशत महंगी हो गई। इसके अलावा सब्जियों की कीमतों में 6.13 फीसदी की तेजी देखी गई।
केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार को बाधित किए बिना इस आदेश को लागू करें।
167 मूल्य संग्रह केंद्रों के रुझान के अनुसार, देशभर के प्रमुख खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में 5-20 रुपये प्रति किलोग्राम की भारी गिरावट आई है।
कंपनियों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कीमतों में 10-15 प्रतिशत की कटौती की है।
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