
India ranked 80th in corruption experience index Denmark and new Zealand on top
दावोस। भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक (Corruption Perceptions Index) में भारत का दुनिया के 180 देशों में 80वां स्थान है। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने यहां विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के दौरान इस सूचकांक रपट को जारी किया। विशेषज्ञों और कारोबारी लोगों के अनुसार यह सूचकांक 180 देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर को दिखाता है।
डेनमार्क और न्यूजीलैंड शीर्ष पर
इस सूचकांक में 87 अंक के साथ डेनमार्क और न्यूजीलैंड शीर्ष स्थान पर हैं। फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, जर्मनी और लक्जमबर्ग इस सूचकांक में शीर्ष 10 में शामिल रहे हैं। सूचकांक में 41 अंक के साथ भारत को 80वां स्थान मिला है। चीन, बेनिन, घाना और मोरक्को भी इसी रैंक में हैं। वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को सूचकांक में 120वां स्थान मिला है। बांग्लादेश में भ्रष्टाचार बहुत बड़े पैमाने पर फैला हुआ है और वह इस सूची में महज 26 अंकों के साथ 146वें नंबर पर है। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां करें।
कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और डेनमार्क सहित कई विकसित देशों ने पिछले वर्ष की तुलना में 2019 में कम स्कोर किया है। कई देशों ने रैंक में भी गिरावट दर्ज की है, क्योंकि उनका स्कोर समान रहा। भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक सूची में सीरिया, सूडान और सोमालिया क्रमशः 14, 12 और 9 अंक लेकर सबसे नीचे हैं। वहीं चीन 77वें, ब्राजील 96वें और रूस 135वें स्थान पर है।
जानिए कैसे होती है गणना
भ्रष्टाचार सूचकांक तैयार करने के लिए देशों को 0 से 100 अंक के बीच अंक दिए जाते हैं। सबसे कम अंक सबसे अधिक भ्रष्टाचार व्याप्त होने का संकेत माना जाता है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हालाता बहुत बुरे
ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक सूची जारी करते हुए कहा है कि पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में कुछ देशों में पत्रकारों, कार्यकर्ताओ, विपक्षी नेताओं और यहां तक कि कानून लागू करने वाली और नियामकीय एजेंसियों के अधिकारियों तक को धमकियां दी जाती हैं। कहीं-कहीं स्थिति ऐसी बुरी है कि उनकी हत्याएं तक कर दी जाती हैं।