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चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने से चूक सकता है भारत: फिच

वर्ष के दौरान सरकार का खर्च 34.8 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित स्तर के आसपास रहने की उम्मीद है। वहीं राजस्व प्राप्ति 17.8 लाख करोड़ रुपये से कम रहने का अनुमान है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 07, 2021 16:26 IST
राजकोषीय घाटा लक्ष्य...- India TV Paisa
Photo:PTI

राजकोषीय घाटा लक्ष्य पाने की संभावना कम

नई दिल्ली। भारत चालू वित्त वर्ष के दौरान अनुमानित राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने से चूक सकता है। इसकी वजह मुख्य तौर पर राजस्व प्राप्ति में कमी होगी। फिच सोल्यूशंस ने शुक्रवार को यह अनुमान दिया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान (अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022) की अवधि में राजकोषीय घाटा उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। सरकार की कुल प्राप्तियों और कुल व्यय के अंतर को राजकोषीय घाटा अथवा वित्तीय घाटा कहते हैं। 

फिच सोल्यूशंस ने कहा ‘‘हम भारत की केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 2021- 22 की समाप्ति पर जीडीपी का 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त करते हैं।’’ ‘‘राजकोषीय घाटा बढ़ने का मुख्य कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी आना होगा। हमारा अनुमान है कि इस दौरान सरकार अपने खर्च के लक्ष्य को बनाये रखेगी।’’ फिच सोल्यूशंस ने इससे पहले आठ प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया था। एजेंसी ने कहा है कि राजकोषीय घाटे में हमारे संशोधन की मुख्य वजह राजस्व परिदृश्य में गिरावट आना है। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और उसको लेकर लगाये गये लॉकडाउन उपायों के चलते भारत की आर्थिक सुधार की गति प्रभावित होगी। इसका राजकोषीय राजस्व की प्राप्ति पर नकारात्मक असर होगा। वर्ष के दौरान सरकार का खर्च 34.8 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित स्तर के आसपास रहने की उम्मीद है। 

इस दौरान सरकार महामारी की अवधि में खर्च को उच्चस्तर पर बनाये रखेगी ताकि आर्थिक सुधार की गति को बरकरार रखा जा सके। इसके विपरीत सरकार की राजस्व प्राप्ति उसके बजट अनुमान 17.8 लाख करोड़ रुपये से कम रहकर 16.5 लाख करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है। देश में जारी मौजूदा स्वास्थ्य संकट के चलते भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार को लेकर परिदृश्य पहले से कमजोर दिखाई देता है। ऐसी स्थिति में सरकार के लिये अपने खर्च को भी बजट अनुमान की तुलना में अधिक बढ़ाने की उम्मीद नहीं दिखाई देती है। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार की मुख्य तौर पर परिवहन, शहरी विकास और बिजली के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में व्यय किये जाने की योजना है। 

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