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भारतीय चावल और दवाओं को मिलेगा नया मार्केट, इंडोनेशिया ने अपना बाजार खोलने का लिया फैसला

इंडोनेशिया ने भारतीय चावल, दवाओं तथा गोमांस के लिए अपना बाजार खोलने का फैसला किया है। यह एक बड़ा कदम है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: December 23, 2015 17:32 IST
भारतीय चावल और दवाओं को मिलेगा नया मार्केट, इंडोनेशिया ने अपना बाजार खोलने का लिया फैसला- India TV Paisa
भारतीय चावल और दवाओं को मिलेगा नया मार्केट, इंडोनेशिया ने अपना बाजार खोलने का लिया फैसला

जकार्ता। इंडोनेशिया ने भारतीय चावल, दवाओं तथा गोमांस के लिए अपना बाजार खोलने का फैसला किया है। यह एक बड़ा कदम है, जिससे भारत दक्षिणपूर्व एशियाई देश में अपने निर्यात का विविधीकरण कर सकेगा। इंडोनेशिया के साथ भारत का व्यापार घाटा काफी ऊंचा है। इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री थॉमस लेमबॉन्ग ने कल भारतीय राजदूत गुरजीत सिंह को बताया कि राष्ट्रपति जोको विदोदो ने भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया है, जहां से चावल का आयात किया जा सकता है और वहां के फार्मा और गोमांस के लिए बाजार खोला जा सकता है।

जकार्ता में भारतीय दूतावास इंडोनेशिया को चावल के निर्यात के लिए जी2जी चैनल के जरिये प्रयास करता रहा है। दोनों पक्षों के बीच इंडोनेशिया को चावल निर्यात के लिए जल्द करार की उम्मीद है। एक बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों के मद्देनजर भारत सूखे की वजह से पैदा हुई चावल की कमी को देखते हुए इंडोनेशिया के साथ खड़ा रहेगा। चीन के बाद चावल के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। इससे भारत को इंडोनेशिया के साथ अपने निर्यात के विविधीकरण में काफी मदद मिलेगी। वैसे भी भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार संतुलन इंडोनेशिया के पक्ष में है। इसके अलावा इंडोनेशिया ने भारत से फार्मा उत्पाद खरीदने की सहमति दी है। भारतीय फार्मा उत्पाद अपनी उच्च गुणवत्ता व उचित कीमत की वजह से जाने जाते हैं। इंडोनेशिया सरकार इंडोनेशिया के लोगों को हेल्थ कार्ड जारी करने की वजह से पैदा हुए वित्तीय बोझ से निकलने के लिए इन पर बातचीत कर रही है।

भारत 1999 से इंडोनेशिया को गोमांस के निर्यात का प्रयास कर रहा है, लेकिन खुरपका और मुंहपका रोग की वजह से इंडोनेशिया इसकी अनुमति नहीं दे रहा था। हालांकि, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ओआईई ने यह प्रमाणन दिया है कि भारत के पास इन रोगों के नियंत्रण का आधिकारिक कार्यक्रम है। इंडोनेशिया का कृषि मंत्रालय का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल सितंबर, 2015 में भारत आया था और उसने यहां उत्पादन सुविधाओं और अन्य चीजों को देखा था।  भारतीय गोमांस की पहुंच उपलब्ध कराने के लिए इंडोनेशिया सरकार जल्द कानून में संशोधन कर सकती है। भारत व इंडोनेशिया का द्विपक्षीय व्यापार 2014-15 में 19 अरब डॉलर रहा था। इस दौरान व्यापार घाटा 11 अरब डॉलर का था।

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