Sunday, December 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. बड़े उद्योगों व सरकारी एजेंसियों पर MSME का है 5 लाख करोड़ रुपए बकाया, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने किया खुलासा

बड़े उद्योगों व सरकारी एजेंसियों पर MSME का है 5 लाख करोड़ रुपए बकाया, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने किया खुलासा

गडकरी ने कहा कि सरकार ने वित्त पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सुदृढ़ करने के लिए योजना तैयार की है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : May 25, 2020 19:33 IST
Major industries, govt agencies owe about Rs 5 lakh cr in outstanding dues to MSME- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

Major industries, govt agencies owe about Rs 5 lakh cr in outstanding dues to MSME

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकारी एजेंसियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और बड़े उद्योगों के ऊपर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) का लगभग 5 लाख करोड़ रुपए बकाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण एमएसएमई उद्योगों की एक अलग श्रेणी सृजित करने के बारे में सोच रही है ताकि गांवों में इकाइयां लगाने को प्रोत्साहित किया जा सके।

एमएसएमई मंत्री ने कहा कि केंद्र ने यह निर्णय किया है कि उसके मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम 45 दिनों के भीतर एमएसएमई का बकाया चुका देंगे। कोलकाता चैंबर ऑफ कामर्स के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत में गडकरी ने कहा कि राज्य सरकारों, उनके मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, भारत सरकार, उसके मंत्रालयों और उपक्रमों एवं बड़े उद्योगों पर कुल मिलाकर एमएसएमई का 5 लाख करोड़ रुपए बकाया है। उद्योगों का यह पैसा फंसा हुआ है।

मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकारों से भी उनके विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों पर बकाये को चुकाने का आग्रह किया है। वह बड़े उद्योगों से भी बातचीत के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के बकाये का निपटान करने की बार-बार अपील करते रहे हैं।

गडकरी ने कहा कि सरकार ने वित्त पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सुदृढ़ करने के लिए योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसएमई के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण उद्योग की एक अलग श्रेणी सृजित करने के बारे में सोच रही है ताकि गांवों में इकाइयां लगाने को प्रोत्साहित किया जा सके। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement