नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी कार-निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया को पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 10 प्रतिशत बढ़कर 1882.1 करोड़ रुपए रहा है। यह विश्लेषकों के अनुमान से कम है। कंपनी का कहना है कि उच्च टैक्स देनदारी की वजह से मुनाफा घटा है। विश्लेषकों का अनुमान था कि चौथी तिमाही मुनाफा 2049 करोड़ रुपए रहेगा। वित्त वर्ष 2016-17 की समान तिमाही में कंपनी ने 1476.2 करोड़ रुपए का लाभ कमाया था। वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध राजस्व 14.4 प्रतिशत बढ़कर 20,594.3 करोड़ रुपए रहा।
कंपनी ने कहा कि प्रभावी टैक्स दरों में वृद्धि होने और नॉन-ऑपरेटिंग इनकम के कम रहने से मुनाफे पर असर हुआ है। चौथी तिमाही में कंपनी ने 4,61,733 वाहनों की बिक्री की है। कंपनी का एबिट सालाना आधार पर 24.4 प्रतिशत बढ़कर 2,312.5 करोड़ रुपए रहा।
कंपनी का टैक्स से पहले मुनाफा 15.3 प्रतिशत बढ़कर 2,634.4 करोड़ रुपए रहा। कंपनी ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रति शेयर 80 रुपए का डिविडेंड देने की घोषणा की है। इससे पहले 2016-17 के लिए कंपनी ने प्रति शेयर 75 रुपए का डिविडेंड दिया था।
अपनी 35वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कंपनी ने एक कर्मचारी कल्याण फंड बनाने और भारत में साइंटीफिक रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। बोर्ड की औपचारिक मंजूरी के बाद फंड और ट्रस्ट की स्थापना इस साल के अंत तक की जाएगी। इसके बाद मारुति सुजुकी अपने टैक्स के बाद मुनाफे का एक-एक प्रतिशत हिस्सा फंड और ट्रस्ट में दान करेगी।