नई दिल्ली। सरकार राज्य परिवहन निगमों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य तय करने की तैयारी कर रही है। नीति आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इसके तहत राज्य परिवहन निगमों को अपने बेड़े में शामिल करने वाले नए वाहनों में एक निश्चित प्रतिशत में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने होंगे। अधिकारी ने कहा कि जहां तक निजी वाहनों का सवाल है तो आयोग का मानना है कि यह बाजार मांग पर छोड़ दिया जाना चाहिए कि लोग इलेक्ट्रिक कार खरीदना चाहते हैं या डीजल-पेट्रोल कार खरीदना चाहते हैं।
अधिकारी ने कहा कि हम सभी राज्यों से कहेंगे कि उनका कार्बन उत्सर्जन कम होना चाहिए। हम राज्यों के परिवहन निगमों को अपने नए ऑर्डरों में एक निश्चित प्रतिशत में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद का लक्ष्य देने पर विचार कर रहे हैं।
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि हमें इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति की जरूरत नहीं है बल्कि इसके लिए व्यवहारिक बदलाव लाने की जरूरत है। अधिकारी ने कहा कि सरकार घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के पक्ष में है।
फिलहाल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या एक से डेढ़ लाख है। अगले पांच साल में कुल वाहनों में इनका हिस्सा बढ़कर पांच प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में देश में बिके कुल 2.40 करोड़ वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा मुश्किल से एक प्रतिशत रहा है।