
PM meets economists, experts at Niti Aayog
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नीति आयोग के साथ बैठक की। बजट पूर्व तकरीबन दो घंटे तक पीएम ने यहां अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ अर्थव्यवस्था और विकास दर को लेकर आपस में चर्चा की। इसके अलावा आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी विचार-विमर्श हुआ। चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर गिरकर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, सीईओ अमिताभ कांत,आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय भी बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कृषि, आधारभूत संरचना सेक्टर पर विशेष चर्चा की गई।
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने सोशल सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने नीति आयोग में बैठक में कहा कि सुझाव के अनुसार आवश्यकता के आधार पर मौजूदा नीतियों में बदलाव के लिए सरकार तैयार है। बेहिचक होकर सुझाव दें। सरकार की नीतियों में कमी दिखे तो बताएं,सरकार सुधार के लिए हमेशा तैयार है।
बैठक में मौजूद कुछ अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने कहा कि आयकर में कटौती से ज्यादा फायदा नहीं होगा। सरकार को सार्वजनिक खर्च में वृद्धि करना चाहिए। सरकार को फिस्कल डेफिसिट को लेकर अड़ना नहीं चाहिए। सरकार को विदेशी थ्योरी पर ध्यान न देते हुए देश के मुताबिक पॉलिसी बनानी चाहिए।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि सरकार 2020-21 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया में है और सरकार का पूरा ध्यान आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने पर है, जिसके 2019-20 के दौरान गिरकर 11 साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ बैठक में अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और वृद्धि एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाले उपायों पर चर्चा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना दूसरा आम बजट इस साल एक फरवरी को संसद में पेश करेंगी।