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5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था पर Pm Modi का बड़ा बयान, वाराणसी में कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर (5 लाख करोड़ रुपए) की अर्थव्यवस्था बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा- पेशेवर निराशावादियों से सतर्क रहें।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Updated on: July 06, 2019 16:58 IST
pm modi speaks on budget 2019 and 5 triloion economy of india in varanasi- India TV Paisa

pm modi speaks on budget 2019 and 5 triloion economy of india in varanasi

वाराणसी। आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी बात कही। यहां भाजपा सदस्यता कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लेते हुए भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर (350 लाख करोड़ रुपये) की अर्थव्यवस्था बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा- पेशेवर निराशावादियों से सतर्क रहें। वे समाधान देने की जगह संकट में डाल सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को कहा कि उनकी सरकार के 2019-20 के बजट में प्रति व्यक्ति आय, खपत और उत्पादकता बढ़ाकर अगले पांच साल में देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर तक पहुंचाने का खाका पेश किया है। 

‘केक जितना बड़ा होगा, उतना ज्यादा लोगों को मिलेगा’

पार्टी सदस्यता अभियान की शुरुआत करते हुए मोदी ने देशवासियों से कहा कि उन्हें 'पेशेवर निराशावादियों' से बेहद सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोगों की लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समाधान देने के बजाय सिर्फ आलोचना करने की आदत होती है। अर्थव्यवस्था की तुलना केक से करते हुए मोदी ने कहा कि केक का आकार महत्वपूर्ण है। केक का आकार जितना बड़ा होगा लोगों को उतना ही बड़ा हिस्सा मिलेगा। इसलिए हमने भारत की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर का बनाने का लक्ष्य रखा है। अर्थव्यवस्था का आकार जितना बड़ा होगा यह देश में उतनी ही समृद्धि लाएगा। 

 ये भी पढ़ें : देश को उच्च आर्थिक वृद्धि दर के रास्ते पर लाने का खाका पेश करता है बजट : जेटली

अंतरराष्ट्रीय स्तर का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि जिन देशों ने विकासशील से विकसित होने की छलांग लगायी है वह प्रति व्यक्ति आय के आधार पर ही लगायी है। मोदी ने कहा कि भारत भी यह कर सकता है। यह लक्ष्य इतना मुश्किल नहीं है। जब प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी तो उससे उनकी क्रयशक्ति भी साथ में बढ़ेगी। इससे मांग में वृद्धि होगी। इस मांग की पूर्ति के लिए उत्पादन में वृद्धि होगी और सेवाओं का विस्तार होगा। इन सबसे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से बचत भी बढ़ेगी।  

‘‘आप दूसरे देश को देखेंगे तो पता चलेगा कि वहां भी प्रति व्यक्ति आय ज्यादा नहीं होती थी। लेकिन एक समय आया, जब इन देशों में प्रतिव्यक्ति ज्यादा हो गई। यह वह समय था जब देश विकासशील से विकसित देशों की श्रेणी में आ गए। भारत अब लंबा इंतजार नहीं कर सकता। भारत जब सबसे युवा देश है तो यह लक्ष्य भी मुश्किल नहीं है। जब किसी देश में प्रतिव्यक्ति आय बढ़ती है तो वह खरीद क्षमता बढ़ाती है। जब क्षमता बढ़ती है, डिमांड बढ़ती है। इसी से सर्विस बढ़ती है और रोजगार के मौके बनते हैं।’’

‘पेशेवर निराशावादियों से सतर्क रहें’

मोदी ने कहा कि कुछ लोग पांच हजार अरब डॉलर (350 लाख करोड़ रुपये) की अर्थव्यवस्था बनाए जाने के लक्ष्य पर भी सवाल उठाएंगे। 'मैं ऐसे लोगों को पेशेवर निराशावादी कहता हूं। यह लोग आम आदमी से दूर होते हैं और अगर आप उनसे समाधान मांगेंगे तो वह आपको संकट में डाल देंगे।'  उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के तरीकों पर बहस हो सकती है लेकिन पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर सवाल उठाना गलत है। देश को ऐसे निराशावादियों से सावधान रहने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शुक्रवार को पेश आम बजट में राशि आवंटन को लेकर बड़े-बड़े वादे नहीं किए गए लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर का बनाने के लक्ष्य को लेकर मार्गदर्शन किया गया है। 

सत्यनारायण की कथा का जिक्र करते हुए 10 साल का बताया विजन

मोदी ने कहा- हमारे दिमाग में गरीबी एक वर्च्यू बन गया है। हम बचपन में सत्यनारायण की कथा सुनते थे, उसकी शुरुआत एक गरीब ब्राह्मण से होती है। यानी शुरुआत ही गरीबी से होती थी। कल जो बजट प्रस्तुत किया गया, उसमें सरकार ने यह नहीं कहा कि इसमें इतना दिया गया। 5 ट्रिलियन डॉलर (350 लाख करोड़ रुपये) इकोनॉमी के लक्ष्य को भारत कैसे प्राप्त कर सकता है। यह हमने दिखाया और बताया कि आने वाले 10 साल के विजन के साथ हम मैदान में उतरे हैं। उसका एक पड़ाव है ये पांच साल। आज देश खाने-पीने के मामले में आत्मनिर्भर है तो इसके पीछे देश के किसानों का सतत परिश्रम है। अब हम किसानों को उत्पादक से आगे एक्सपोर्टर के रूप में देख रहे हैं। हमारे पास निर्यात की क्षमता है। फूड प्रोसेसिंग से लेकर मार्केटिंग तक के लिए निवेश बढ़ाया गया है।

इससे पहले मोदी ने  एयरपोर्ट पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की कांस्य मूर्ति का अनावरण किया। साथ ही उन्होंने हरहुआ गांव में पौधरोपण अभियान की शुरुआत की, जिसके तहत 27 लाख पौधे लगाए जाएंगे। दोबारा प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद यह उनका दूसरा बनारस दौरा है। इससे पहले वह 27 मई को शहर के मतदाताओं को भारी मतों से विजयी बनाने के लिए धन्यवाद देने आए थे। शनिवार के कार्यक्रम के मद्देनजर हरहुआ प्राथमिक विद्यालय की दीवारों पर पर्यावरण से जुड़ी पेंटिंग बनाई गई है। मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में 19 बार वाराणसी आए। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की और कई बार काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन भी किए।

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