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आयातित प्‍याज से भी नहीं हुई मुश्किल हल, घरेलू आवक बढ़ने पर ही मिलेगी महंगाई से राहत

भारत इस समय ईरान, मिस्र, तुर्की और हॉलैंड के साथ-साथ अफगानिस्तान से प्याज आयात कर रहा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : November 02, 2020 9:06 IST
Potato prices up 92 pc  in one year, onions by 44 percent - India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

Potato prices up 92 pc  in one year, onions by 44 percent 

नई दिल्ली। प्याज पर स्टॉक लिमिट लगने और विदेशी प्याज के देश के बाजार में उतरने से आसमान छूते दाम पर लगाम तो लग गया है, लेकिन देश के उपभोक्ताओं को सस्ती प्याज तभी मिल पाएगी, जब घरेलू आवक में इजाफा होगा, क्योंकि प्याज का आयात भी सस्ता नहीं है। आयातित लाल प्याज देश के बाजारों में 65 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने बताया कि आयातित प्याज का लागत मूल्य मुंबई पोर्ट पर करीब 40 से 45 रुपये प्रति किलो पड़ता है। ऐसे में देश के विभिन्न राज्यों में आयातित प्याज के परिवहन की लागत जोड़ने के बाद 55 से 65 रुपये प्रति किलो से कम भाव पर आयातित प्याज उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है।

कारोबारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत इस समय ईरान, मिस्र, तुर्की और हॉलैंड के साथ-साथ अफगानिस्तान से प्याज आयात कर रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध खुदरा कीमत सूची के अनुसार, देशभर में प्याज की औसत खुदरा कीमत रविवार को 65 रुपये प्रति किलो थी। दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में भी रविवार को प्याज का खुदरा भाव 60 से 70 रुपये प्रति किलो था।

उधर, देश में कृषि उत्पादों के विपणन की शीर्ष सहकारी संस्था नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी नैफेड की ओर से शनिवार को जारी टेंडर में आयातकों से 40 से 60 मिलीमीटर आकार के 15,000 टन लाल प्याज की आपूर्ति के लिए बोलियां मंगाई गई हैं। टेंडर में कहा गया है कि चिन्हित भारतीय पोर्ट पर ट्रक लोड/रैक लोड पर प्याज आपूर्ति किए जाने वाले प्याज की बोली का मूल्य 50,000 रुपये प्रति टन यानी 50 रुपये प्रति किलो होगा।

अजित शाह ने कहा कि विदेशों से प्याज आने से कीमतों में वृद्धि पर फिलहाल लगाम लग गई है, लेकिन प्याज के दाम में गिरावट तभी आएगी, जब नई फसल की आवक बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर प्याज का आयात नहीं होता तो दाम आसमान चढ़ जाता। आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान से प्याज की नई फसल की आवक होने लगी है। हालांकि, नई फसल की आवक अभी कम हो रही है।

केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को थोक एवं खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज का स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी है, जिसके अनुसार खुदरा कारोबारी अधिकतम दो टन और थोक व्यापारी अधिकतम 25 टन प्याज का स्टॉक कर सकता है। सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 तक की अवधि के लिए प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई है। इससे पहले 14 सितंबर को ही सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। वहीं, नैफेड के पास पड़े बफर स्टॉक से 36,000 टन प्याज देश के बाजारों में उतारी गई है।

 

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