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दालों का बुवाई रकबा 28 फीसदी बढ़ा, अगले साल आयात पर निर्भरता होगी कम

कृषि मंत्रालय के मुताबिक मानसून की बेहतर शुरुआत के साथ वर्ष 2016-17 के खरीफ सत्र में अभी तक दाल बुवाई का रकबा 28 फीसदी बढ़कर 71.07 लाख हेक्टेयर हो गया है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: July 16, 2016 14:32 IST
दालों का बुवाई रकबा 28 फीसदी बढ़ा, अगले साल आयात पर निर्भरता होगी कम- India TV Paisa
दालों का बुवाई रकबा 28 फीसदी बढ़ा, अगले साल आयात पर निर्भरता होगी कम

नई दिल्ली। कृषि मंत्रालय के मुताबिक मानसून की बेहतर शुरुआत के साथ वर्ष 2016-17 के खरीफ सत्र में अभी तक दाल बुवाई का रकबा 28 फीसदी बढ़कर 71.07 लाख हेक्टेयर हो गया है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश में बुवाई के रकबे में पर्याप्त वृद्धि हुई है।

जहां धान, मोटे अनाज, तिलहन और गन्ने के रकबे में मामूली वृद्धि हुई है वहीं समीक्षाधीन अवधि में कपास फसल के रकबे में 24 फीसदी की गिरावट आई है। खरीफ फसलों की बुवाई दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ होता है और कटाई का काम अक्‍टूबर महीने से शुरू होता है। दक्षिण पश्चिम मानसून 13 जुलाई तक चार फीसदी अधिक था।

मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016-17 में आज की तारीख तक दलहन बुवाई का रकबा बढ़कर 71.07 लाख हेक्टेयर हो गया, जो वर्ष भर पूर्व की समान अवधि में 51.07 लाख हेक्टेयर था। कर्नाटक में दलहन खेती के रकबे में भारी वृद्धि की सूचना है, जहां इसका रकबा 45 फीसदी बढ़कर 11.99 लाख हेक्टेयर हो गया, जो वर्ष भर पूर्व की समान अवधि में 6.64 लाख हेक्टेयर था।

इसी प्रकार मध्य प्रदेश में दलहन खेती का रकबा करीब 37 फीसदी बढ़कर 11.48 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पहले 7.25 लाख हेक्टेयर था। राजस्थान में दलहन का रकबा 21.3 फीसदी  बढ़कर 14.62 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पहले 11.52 लाख हेक्टेयर था। महाराष्ट्र में दलहन खेती का रकबा 16 फीसदी बढ़कर 17.22 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पहले 14.52 लाख हेक्टेयर था।

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