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राजस्थान बजट 2020-21: सीएम अशोक गहलोत ने खोला खजाना, सबसे ज्यादा शिक्षा के लिए 39,524 करोड़ रुपए किए आवंटित

गहलोत सरकार ने बजट में किसानों के लिए 3420 करोड़ का ऐलान किया है। साथ ही स्वास्थ्य के सभी विभागों के लिए 14,437 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। शिक्षा क्षेत्र के लिए 39,524 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

Written by: India TV Business Desk
Updated : February 20, 2020 14:59 IST
Rajasthan, chief minister Ashok Gehlot, budget 2020-21- India TV Paisa

Rajasthan chief minister Ashok Gehlot Presented budget 2020-21

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए इसे निरोगी राजस्थान सहित सात संकल्पों पर आधाारित बताया और कहा कि इस बजट में कोशिश की गई है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य में विकास की राह बाधित नहीं हो। बजट में गहलोत ने आगामी वित्त वर्ष में 53,151 नयी भर्तियां करने का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट विधानसभा में पेश किया। गहलोत सरकार ने बजट में किसानों के लिए 3420 करोड़ का ऐलान किया है। साथ ही स्वास्थ्य के सभी विभागों के लिए 14,437 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। शिक्षा क्षेत्र के लिए 39,524 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। साथ ही 1,683 नए पुलिस वाहन खरीदे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि बजट में किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। साथ ही गहलोत ने विभिन्न करों में बदलाव करते हुए 130 करोड़ रुपए की छूट देने की घोषणा भी की। बता दें कि, मुख्यमंत्री गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। उन्होंने गुरुवार को राज्य विधानसभा में सालाना बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण उसके राजस्व में कमी आई है और इसका खामियाजा राजस्थान को भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्रीय करों में मिलने वाले हिस्से में 10362 करोड़ रुपए की कटौती की जा रही है। 

गहलोत ने कहा कि 'हमारे लिए संपूर्ण राजस्थान एक परिवार के लिए है। इसके लिए सात संकल्प इस बजट की प्राथमिक्ता है।' गहलोत ने पहला संकल्प- निरोगी राजस्थान, दूसरा संकल्प- संपन्न किसान, तीसरा संकल्प- महिला, बाल और वृद्ध कल्याण, चौथा संकल्प- सक्षम मजदूर, छात्र, युवा, जवान, पांचवां संकल्प- शिक्षा का परिधान, छठा संकल्प- पानी, बिजली और हितों का मान और सातवां संकल्प- कौशल एवं तकनीकी प्रधान पर बल दिया।

गहलोत ने कहा 'हमारी संघीय व्यवस्था में राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी हद तक केंद्र सरकार की नीतियों तथा निर्णयों पर निर्भर करती है। आज देश की अर्थव्यवस्था के अधिकांश सूचकांक संकेत दे रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था वर्तमान में बुरे दौर से गुजर रही है।' पिछले बजट में जनकल्याणकारी कदमों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि हमने इस बजट में भी ठोस कार्ययोजना पेश करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा 'हमारे लिए संपूर्ण राजस्थान एक परिवार की तरह है। इस परिवार के लिए मैं सात संकल्पों को इस बजट की प्राथमिकताएं बताना चाहता हूं। ये संकल्प हैं निरोगी राजस्थान, संपन्न किसान, महिला बाल व वृद्ध कल्याण, सक्षम मजदूर छात्र युवा जवान , शिक्षा का परिधान, पानी बिजली व सड़कों का मान, कौशल व तकनीकी प्रधान।' 

गहलोत ने कहा, 'हमारी सरकार की वित्तीय नीतियां व प्राथमिकताएं क्या हों इसके लिए हमने कृषकों, पशुपालकों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, औद्योगिक व व्यापारिक संगठनों, सिविल सोसायटी के विचारों तथा सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी बजट बनाने का प्रयास किया है। प्रदेश के समग्र विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आने वाले वर्ष में कौन कौन से दूरगामी कदम उठाना चाहते हैं इसका ब्यौरा देने से पहले ये समीचीन है कि मैं देश की आर्थिक स्थिति की सच्ची तस्वीर आपके सामने पेश करूं।' 

गहलोत ने कहा, 'इसका जिक्र करने का कारण यह भी है कि हमारी संघीय व्यवस्था में राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी हद तक केंद्र सरकार की नीतियों और निर्णयों पर निर्भर करती है।' विनिर्माण, सेवा और कृषि क्षेत्र के वृद्धि दर अनुमानों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि उक्त सभी आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गयी है। उन्होंने कहा 'केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण राजस्व में जो गिरावट आ रही है उसके खामियाजे के रूप में केंद्र द्वारा, हमें भेजे जाने वाले हमारे हिस्से की कर राशि में से 10362 करोड़ रुपए काटे जा रहे हैं। केंद्र सरकार तो कई तरीकों से धन जुटा लेती है जैसे रिजर्व बैंक से धन लेकर, एयर इंडिया व बीपीसीएल में विनिवेश कर, एलआईसी में हिस्सेदारी कम करके जबकि राज्यों के पास कोई विकल्प नहीं है।' मुख्यमंत्री ने कहा 'इन चुनौतियों के बावजूद इस बजट में हमने कोशिश की है कि विकास की राह बाधित नहीं हो।'

राजस्थान विधानसभा में पेश बजट 2020-21 के मुख्य बिंदु 

  • राजस्व घाटा 12,345.61 करोड़ रुपये अनुमानित 
  • राजकोषीय घाटा 33,922.77 करोड़ रुपये अनुमानित 
  • 53181 नयी नौकरियां देने की घोषणा। 
  • 100 करोड़ रुपये के निरोगी राजस्थान प्रबंधन कोष का गठन 
  • मिलावटखोरों के खिलाफ कड़े कदमों की घोषणा, प्राधिकरण व फास्ट्र ट्रेक अदालतें बनेंगी। 
  • कृषि विभाग के लिए 3420.06 करोड़ रुपये का प्रावधान 
  • 100 करोड़ रुपये का नेहरू बाल संरक्षण कोष बनेगा। 
  • राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड का गठन होगा। 
  • 100 करोड़ रुपये के पर्यटन विकास कोष की स्थापना होगी। 
  • सरकारी विद्यालयों में शनिवार को 'नो बैग डे'- सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का निजी अस्पतालों में इलाज अनिवार्य 
  • सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को पांच प्रतिशत बढ़ाकर 17 प्रतिशत किया गया। 

बजट पेश करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि इस बजट में हमने कोशिश की है कि विकास की राह बाधित न हो। उन्होंने कहा कि राजस्थान का बजट निरोगी राजस्थान, संपन्न किसान, महिला बाल व वृद्ध कल्याण, सक्षम मजदूर सहित सात संकल्पों पर आधारित है। गहलोत ने कहा कि राज्य में 25 हजार नए सोलर पंप लगाए जाएंगे। जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, गंगानगर, पाली, जालौर, सिरोही के अतिरिक्त क्षेत्र को सिंचित बनाया जाएगा। गौरतलब है कि गहलोत के पास वित्त विभाग की भी जिम्मेदारी है। 

अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी से प्रेरित होकर मैं यह बजट पेश कर रहा हूं। देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। राज्य की अर्थव्यवस्था केंद्र की नीति और योजनाओं पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निरोगी राजस्थान को और मजबूत किया जाएगा, पीएचसी और सीएचसी का विस्तार होगा। नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर तकरीबन 15 हजार करोड़ का खर्च आएगा, इसमें 40 प्रतिशत भागीदारी राज्य सरकार की होगी।

100 करोड़ के राजस्थान निरोगी कोष का गठन किया। डिजिटल हैल्थ सर्वे करवाए जाने का निर्णय। कैंसर रोगियों को इलाज के लिए राज्य में कैंसर रजिस्ट्री सिस्टम का चयन किया जाएगा। छह नए स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों के लिए भूमि आवंटन की जाएगी। अजमेर रोड, जोधपुर में राजकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय की घोषणा की गई है। 5000 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की प्रक्रिया 4 साल में पूर्ण की जाएगी। जिला चिकित्सालय में सीटी स्कैन और एमआरआई की सुविधा मिलेगी। गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार ने 13000 करोड़ के भुगतान के कार्य हमारी सरकार पर छोड़े।

गहलोत ने एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने पर 3 करोड़, रजत पर 2 करोड़ और कांस्य जीतने पर 1 करोड़ की राशि देने का एलान किया। आंगनवाड़ी वर्कर, आशा सहयोगिनी और एएनएम के लिए ए3 एप्प विकसित किया जाएगा। 35 लाख से ज्यादा बच्चों, गर्भवती महिलाओं के लिए 800 करोड़ रुपए की राशि से पोषाहार वितरित किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार मिलावटखोरी के खिलाफ कड़े कदम उठाएगी, हर जिले में प्रयोगशाला स्थापित होगी और फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित की जाएंगी। दिसंबर 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के लिए यह दूसरा बजट है। पिछले साल 2019-2020 के बजट में मुख्यमंत्री गहलोत ने 11 नई योजनाओं की घोषणा की थीं। मुख्यमंत्री ने पिछली बार 2.32 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था।

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