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RBI ने की एमएसएमई के लिए की राहतों की घोषणा, बकाया भुगतान के लिए दिया अतिरिक्‍त समय

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन तथा नोटबंदी से प्रभावित हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए आज राहतों की घोषणा की।

Abhishek Shrivastava Edited by: Abhishek Shrivastava
Published on: February 07, 2018 18:14 IST
rbi governor - India TV Paisa
rbi governor

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन तथा नोटबंदी से प्रभावित हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए आज राहतों की घोषणा की। आरबीआई ने एमएसएमई को बैंकों का बकाया भुगतान के लिए अतिरिक्त 180 दिन दिए हैं।

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आरबीआई के डिप्टी गर्वनर एनएस विश्वनाथन ने कहा कि जीएसटी के तहत पंजीयन के जरिये कारोबार को औपचारिक रूप देने से परिवर्तन के दौर में छोटी इकाइयों के नकदी प्रवाह पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इससे बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों का पैसा चुकाने में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।  

उन्होंने कहा कि नए वातावरण में एमएसएमई इकायों की मदद के लिए उन इकाइयों के 25 करोड़ रुपए तक के ऋण को 31 जनवरी 2018 के बाद 180 दिन तक सही ऋण खातों की श्रेणी में बरकार रखा जाएगा। पर इसके लिए शर्त है कि इकाई जीएसटी में पंजीकृत हो तथा 31 अगस्त 2017 तक वह किस्तों को समय से चुकाती आई हो। ऐसे में छूट की अवधि के दौरान बैंकों एवं वित्तीय कंपनियों को ऐसे ऋणों को छूट की अवधि में अवरुद्ध ऋण संबंधी प्रावधान नहीं करना पड़ेगा। 

आरबीआई ने सेवा क्षेत्र के एमएसएमई के लिए प्राथमिक क्षेत्र के तहत कर्ज की अधिकतम 5 करोड़ रुपए और 10 करोड़ रुपए की सीमा भी हटा दी है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विभिन्न हितधारकों से प्राप्त सुझाव तथा हमारी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के बढ़ते महत्व के कारण रिजर्व बैंक ने एमएसएमई के ऋण की पांच करोड़ रुपए और 10 करोड़ रुपए की सीमा खत्म कर दी है।  

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