नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान प्रणाली के लाइसेंस के आवेदन के लिए खुली व्यवस्था संबंधी दिशा-निर्देश मंगलवार को जारी कर दिए हैं। इसमें विभिन्न कंपनियों के लिए न्यूनतम नेटवर्थ की शर्तें शामिल हैं। इसका मकसद नवप्रवर्तन और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।
एक परिपत्र में आरबीआई ने कहा कि भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट (बीबीपीओयू), ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (ट्रेड्स) और व्हाइट लेबल एटीएम चलाने के लाइसेंस के लिए आवेदन की सदा खुली सुविधा शुरू करने का निर्णय किया गया है।
इसमें कहा गया है कि भु्गतान प्रणाली से जुड़े परिचालकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे विभिन्न खुदरा भुगतान प्रणालियों पर एक-दूसरे के नेटवर्क के साथ तालमेल से काम कर सकें। लाइसेंस देने का निर्णय प्रस्ताव के गुण और इस क्षेत्र में अतिरिक्त इकाइयों के लिए कारोबार की संभावना के बारे में केंद्रीय बैंक के आकलन के आधार पर दिया जाएगा।
आरबीआई के अनुसार जो इकाइयां बीबीपीओयू के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहती हैं या काम करना चाहती हैं, उनका नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए होना चाहिए और इसे हमेशा बनाए रखना चाहिए। ट्रेड्स के मामले में न्यूनतम चुकता शेयर पूंजी 25 करोड़ रुपए होना चाहिए। वहीं डब्ल्यूएल खंड में आने को इच्छुक इकाइयों के लिए नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए रखा गया है।