
SBI said the total number of street vendors in india
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा रेहड़ी पटरी वाले हैं, जो देश की कुल संख्या के मुकाबले एक चौथाई हैं। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से प्रभावित रेहड़ी पटरी वालों के लिए 5,000 करोड़ रुपए की विशेष ऋण सुविधा का ऐलान किया है।
इसके एक दिन बाद जारी टिप्पणी के मुताबिक दस राज्यों में 35 लाख से 50 लाख रेहड़ी पटरी वालों को इस योजना से फायदा होगा। उन्हें अपना व्यापार फिर शुरू करने के लिए 10,000 रुपए का कर्ज दिया जाएगा। एसबीआई की टिप्पणी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 7.8 लाख रेहड़ी पटरी वाले हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में इनकी संख्या 5.5 लाख है। देश के कुल रेहड़ी पटरी वालों में दोनों राज्यों की सामूहिक हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है।
इसके मुताबिक बिहार में 5.3 लाख रेहड़ी पटरी वाले, राजस्थान में 3.1 लाख, महाराष्ट्र में 2.9 लाख, तमिलनाडु में 2.8 लाख, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 2.1 लाख, गुजरात में दो लाख, केरल और असम में 1.9 लाख, ओडिशा में 1.7 लाख, हरियाणा में 1.5 लाख और मध्य प्रदेश तथा पंजाब में 1.4 लाख रेहड़ी पटरी वाले हैं। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि उनके अनुमान आवधिक श्रम बल सर्वेक्षणों से गैर-कृषि क्षेत्र में स्व-रोजगार के आंकड़ों पर आधारित हैं।