नई दिल्ली। देश का चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष में 15 दिसंबर तक 45.84 लाख टन रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले 35 प्रतिशत कम है। उद्योग संगठन इस्मा ने बुधवार को बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी उत्पादन में भारी गिरावट आने की वजह से उत्पादन प्रभावित हुआ है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक होता है।
विपणन वर्ष 2018-19 में मिलों ने समान अवधि में 70.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक, 15 दिसंबर तक 406 चीनी मिलों में गन्ने की पिराई शुरू हुई है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 473 मिलों ने पिराई शुरू कर दी थी।
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 दिसंबर तक 21.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 15 प्रतिशत अधिक है। यहां मिलों ने 15 दिसंबर, 2018 तक 18.9 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। चालू वर्ष में उत्तर प्रदेश की मिलों ने एक सप्ताह जल्दी गन्ने की पिराई शुरू कर दी थी।
हालांकि, देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में भारी गिरावट आई है। मिलों ने यहां अभी तक केवल 7,66,000 टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 29 लाख टन था। इसी प्रकार तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में 15 दिसंबर तक 10.6 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 13.9 लाख टन था।
इसके अलावा चीनी रिकवरी भी इस साल पिछले साल की तुलना में बहुत कम है क्योंकि मिलें बाढ़ से खराब हुए गन्ने के साथ ताजा गन्ने की पिराई कर रही हैं। 15 दिसंबर, 2019 तक गुजरात में 1,52,000 टन, बिहार में 1,35,000 टन, पंजाब में 75,000 टन, तमिलनाडु में 73,000 टन, हरियाणा में 65,000 टन, मध्य प्रदेश में 35,000 टन और आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में 30,000 टन चीनी का उत्पादन किया गया है।
इस्मा ने अनुमान जताया है कि 2019-20 विपणन वर्श में चीनी का उत्पादन 21.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2.6 करोड़ टन रह सकता है।