नई दिल्ली। इंटरनेट डेटा इस्तेमाल करने वालों के लिए अच्छी खबर है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया( ट्राई) ने सरकार को ओपन आर्किटेक्चर पर आधारित वाइफाइ सर्विसेज से जुड़ी एक रिपोर्ट भेजी है। अगर सरकार इन सिफारिशों को मानती है तो भारत में इंटरनेट के खर्च में 90 फीसदी की कमी आ सकती है। ट्राई ने अपनी सिफारिश में नेट बूथ का भी सुझाव दिया है। ये नेट बूथ पुराने दिनों के पीसीओ जैसे होंगे जहां जाकर यूजर इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
टाई ने अपनी पब्लिक वाइफाई ओपन पायलट प्रोजेक्ट से जुड़ी रिपोर्ट सूचना प्रसारण मंत्री मनोज सिन्हा को सौंपी है। ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने बताया कि ब्राडबैंड सेवाओं की पहुंच के मामले में भारत, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र दूसरे देशों से काफी पीछे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए वाई-फाई सेवाओं के क्षेत्र में छोटी कंपनियों का सामने लाना होगा। जिससे देश में इंटरनेट प्रयोगकर्ता और उपयोग दोनों ही बढ़ेंगे। इससे देश में मौजूद स्टार्टअप कंपनियों को भी विकसित होने का बड़ा अवसर मिलेगा। ट्राइ ने जो रोडमैप सरकार को सौंपा है उसमें कहा है कि इस समय प्रत्येक कस्टमर को औसतन 23 पैसे प्रति एमबी खर्च करना पड़ता है। आने वाले समय में यह 2 पैसे हो सकता है।
सरकार को सौंपी रिपोर्ट में ट्राई ने पीडीओ की स्थापना का प्रस्ताव किया है। पीडीओ एक प्रकार के पीसीओ होंगे। जिन्हें पब्लिक डेटा ऑफिस कहा जाएगा। यूजर यहां पर जाकर फ्री में या फिर बहुत कम कीमत चुकाकर वाइफाई हॉटस्पॉट की मदद से इंटरनेट का प्रयोग कर सकेगा। चेयरमैन आरएस शर्मा के मुताबिक, 'जो आदमी राउटर (किसी एरिया में) मैनेज करेगा, उसे PDO (पब्लिक डेटा ऑफिस) कहा जाएगा। जो ऐसे 1 हजार राउटर्स को मैनेज करेगा, उसे PDOA (पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर) कहा जाएगा। इसके साथ ही जो एप्लीकेशन को डेवलप करेगा, उसे एप्लीकेशन प्रोवाइडर कहा जाएगा और इस तरह यह पूरा सिस्टम काम करेगा।'