नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी की भीषण दूसरी लहर के बाद भी वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में ‘वी’ आकार के सुधार से भारत की मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियाद का पता चलता है। वित्त मंत्रालय ने अपनी ताजा मासिक आर्थिक समीक्षा में केरल और महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में तेजी पर भी चिंता जताई और इन दोनों राज्यों में महामारी नियंत्रण तथा प्रबंधन को मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 20.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने से ‘‘भीषण दूसरी लहर के बावजूद भारत की लचीली वी-आकार की रिकवरी’’ का पता चलता है।
पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इस साल अब तक मानसून नौ प्रतिशत कम है, इसके बावजूद तीन सितंबर तक खरीफ की बुवाई सामान्य स्तर के मुकाबले 101 प्रतिशत हो चुकी थी। वित्त मंत्रालय ने कहा कि धान की रिकॉर्ड खरीद और ट्रैक्टर की बिक्री में बढ़ोतरी से आने वाले महीनों में मजबूत ग्रामीण मांग के लिए अच्छा संकेत मिलता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘बिजली की खपत, रेल भाड़ा, राजमार्ग टोल संग्रह, ई-वे बिल, डिजिटल लेनदेन, हवाई यातायात और मजबूत जीएसटी संग्रह से सुधार स्पष्ट है। विनिर्माण और सेवाओं, दोनों क्षेत्रो में भारत का पीएमआई आर्थिक विस्तार की शुरुआत का संकेत देता है।’’
कोविड-19 महामारी को लेकर रिपोर्ट में कहा गया कि केरल अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। देश में रोजाना आने वाले नए मामलों में केरल का हिस्सा लगभग 60 प्रतिशत है। किसी दूसरे राज्य के मुकाबले केरल में अधिक लोगों की जान संक्रमण से जा रही है। इसी तरह महाराष्ट्र को लेकर भी सावधानी बरतने की जरूरत पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने आने वाले त्योहारी महीनों में संभावित तीसरी लहर के प्रति आगाह किया है।