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BBC के दफ्तरों पर आयकर विभाग के 'सर्वे' में क्या-क्या मिला? IT विभाग ने दी ये जानकारी

आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बीबीसी का नाम नहीं लिया है। इसकी जगह एक विदेशी मीडिया संस्थान कहा गया है। विभाग को सर्वे में कई गड़बड़ियां मिली हैं।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: February 18, 2023 11:27 IST
BBC IT Survey- India TV Paisa
Photo:AP BBC IT Survey

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन यानि बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में आयकर विभाग के सर्वे बीते हफ्ते चर्चा में रहे। आयकर विभाग ने तीन दिन तक बीबीसी के दफ्तरों में कागजातों और कंप्यूटर डेटा की जांच की। इसके बाद अब सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टेक्सेज यानि सीबीडीटी ने इस सर्वे पर पहली बार खुलासा किया है। हालांकि विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बीबीसी का नाम नहीं लिया है। इसकी जगह एक विदेशी मीडिया संस्थान कहा गया है। सीबीडीटी द्वारा शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में यह दावा किया गया कि मीडिया समूह बीबीसी की भारत में संचालित विभिन्न संस्थाओं की तरफ से दिखाए गए आय एवं लाभ के आंकड़े भारत में उनके परिचालन के अनुरूप नहीं हैं। 

विदेशों में भेजी रकम का हिसाब गड़बड़

आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने बयान में मीडिया संगठन का नाम लिए बगैर कहा कि एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनी की विदेशी इकाइयों ने विदेश भेजी गई कुछ रकम पर कर का भुगतान नहीं किया है। हालांकि आयकर अधिकारियों ने यह साफ किया कि इस बयान का संबंध ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के भारत स्थित परिसरों पर हुए सर्वे से संबंधित है। बीबीसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इस बारे में कर विभाग से कोई भी औपचारिक सीधी सूचना मिलने पर वे उसका समुचित ढंग से जवाब देंगे। 

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60 घंटे चला था सर्वे 

बीबीसी के दिल्ली एवं मुंबई स्थित परिसरों पर आयकर विभाग का सर्वे ऑपरेशन करीब 60 घंटों तक चला। गत 14 फरवरी को शुरू हुआ यह ऑपरेशन बृहस्पतिवार रात को जाकर खत्म हुआ। सीबीडीटी के बयान में लंदन मुख्यालय वाली मीडिया कंपनी के खिलाफ विभिन्न कर-संबंधी अनियमितताओं का आरोप लगाने के साथ ही सर्वे के दौरान "देर करने की रणनीति" अपनाने की बात भी कही गई। बयान के मुताबिक, "सर्वे से पता चला है कि विभिन्न भारतीय भाषाओं (अंग्रेजी के अलावा) में सामग्री की पर्याप्त खपत के बावजूद समूह की विभिन्न इकाइयों द्वारा दिखाई गई आय/ लाभ भारत में परिचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं है।" 

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विभाग को टैक्स देनदारी में दिखा घपला

सीबीडीटी ने कहा, "विभाग ने इसके परिचालन से संबंधित कई साक्ष्य एकत्र किए हैं जिनसे संकेत मिलता है कि कुछ विदेशी धन-प्रेषण पर कर का भुगतान नहीं किया गया है और इस राशि को समूह की विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में आय के रूप में नहीं दर्शाया गया है।" सीबीडीटी ने कहा कि आयकर सर्वे में बीबीसी द्वारा "स्थानापन्न कर्मचारियों" की सेवाओं का उपयोग किया गया और इसके लिए भारतीय इकाई द्वारा संबंधित विदेशी संस्था को प्रतिपूर्ति भी की गई। 

ट्रांसफर प्राइसिंग पर भी सवाल

बयान के मुताबिक, "इस तरह के धन-प्रेषण पर कर्मचारी के पारिश्रमिक से कर काटने का प्रावधान है लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। इसके अलावा सर्वे में ट्रांसफर प्राइसिंग (संबंधित पक्षों के बीच लेन-देन) दस्तावेज के संबंध में कई विसंगतियां भी सामने आई हैं।" इस बयान के मुताबिक, आयकर अधिकारियों के सर्वे में कर्मचारियों के बयान, डिजिटल साक्ष्य और दस्तावेजों के माध्यम से "महत्वपूर्ण साक्ष्य" सामने आए हैं जिनकी आगे जांच की जाएगी।

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