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Corona और लॉकडाउन के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में बेरोजगारी दर घटकर 4.2 प्रतिशत पर रही

पीएलएफएस की वार्षिक रिपोर्ट (जुलाई, 2020 से जून, 2021) में कहा गया है कि बेरोजगारी दर (यूआर) 2020-21 में 4.2 प्रतिशत रही।

Alok Kumar Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 15, 2022 17:07 IST
Jobs- India TV Paisa
Photo:FILE

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Corona और लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था बिल्कुल ठप हो गई थी। इसके चलते बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ी थी। हालांकि, स्थिति उतनी खराब नहीं हुई, जितनी उम्मीद की जा रही थी। यह जानकारी एनएसओ की रिपोर्ट से मिली है। इसके अनुसार, श्रमबल में शामिल लोगों की बेरोजगारी दर जुलाई, 2020 से जून, 2021 के दौरान घटकर 4.2 प्रतिशत रह गई, जो 2019-20 की इसी अवधि में 4.8 प्रतिशत थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के एक निश्चित अवधि पर होने वाले श्रमबल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार, 2018-19 में बेरोजगारी दर 5.8 प्रतिशत और 2017-18 में 6.1 प्रतिशत थी। 

बेरोजगारी दर में कमी आई 

पीएलएफएस की वार्षिक रिपोर्ट (जुलाई, 2020 से जून, 2021) में कहा गया है कि बेरोजगारी दर (यूआर) 2020-21 में 4.2 प्रतिशत रही। यह 2019-20 में 4.8 प्रतिशत थी। कुल कार्यबल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत को बेरोजगारी दर (यूआर) कहा जाता है। आंकड़ों से पता चलता है कि बेरोजगारी दर में पिछले चार वर्षों के दौरान 2020-21 (जुलाई से जून) कमी आई है। हालांकि, इसकी रफ्तार धीमी रही है। इसी तरह, पुरुषों में यूआर दर भी 2020-21 के दौरान घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई, जो 2019-20 में 5.1 प्रतिशत, 2018-19 में छह प्रतिशत और 2017-18 में 6.2 प्रतिशत थी। महिलाओं के लिए यूआर दर में भी समान रुख देखा गया है। महिलाओं के लिए यूआर दर 2020-21 के दौरान कम होकर 3.5 प्रतिशत रह गई। 2019-29 में यह 4.2 प्रतिशत, 2018-19 में 5.2 प्रतिशत और 2017-18 में 5.7 प्रतिशत थी। 

श्रमिक जनसंख्या अनुपात में सुधार हुआ 

श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में भी सुधार हुआ है। यह आबादी में काम करने वाले लोगों के प्रतिशत को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 में डब्ल्यूपीआर बढ़कर 39.8 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो 2019-20 में 38.2 फीसदी, 2018-19 में 35.3 प्रतिशत और 2017-18 में 34.7 प्रतिशत था। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए जुलाई, 2020 से जून, 2021 की वार्षिक रिपोर्ट में पहले चरण की कुल 12,562 इकाइयों को शामिल किया गया है। इसमें 6,930 गांव और 5,632 शहरी ब्लॉक शामिल हैं। 

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